जर्जर अर्थव्यवस्था से जूझ रहा श्रीलंका! सेना से छीनने जा रहा रोजगार, 2030 तक इतने ही रह जाएंगे सैनिक
Sri Lanka Economic Crisis: आंकड़ों के अनुसार श्रीलंका की मौजूदा सेना पर कुल सार्वजनिक खर्च का लगभग 10 फीसदी था, यह आंकड़े पिछले साल के हैं.
Sri Lanka Economic Crisis: दिवालिया हो चुका श्रीलंका अपनी सेना में भारी कटौती करने जा रहा है. श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि सरकार एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट से जूझ रही है और हम अपनी जर्जर हो चुकी अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए काम कर रहे हैं. दिवालिया होने के बाद श्रीलंका अभी तक खाने-पीने और ईंधन की कमी की मार झेल रहा है.
श्रीलंका में सेना की संख्या 2024 तक 2,00,783 की मौजूदा स्वीकृत संख्या से घटाकर 1,35,000 कर दी जाएगी. श्रीलंका के एक मंत्री ने यहां शुक्रवार को यह जानकारी दी. रक्षा राज्य मंत्री प्रमिथ बंडारा टेनाकून ने मीडिया को बताते हुए कहा, ''2030 तक संख्या को और घटाकर 1,00,000 कर दिया जाएगा.''
सैन्य ताकत और सतत आर्थिक विकास एक सिक्के...
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री प्रमिथ बंडारा टेनाकून ने कहा कि सैन्य ताकत और सतत आर्थिक विकास एक सिक्के के दो पहलू हैं. उन्होंने कहा कि सैन्य खर्च परोक्ष रूप से प्रोत्साहित करता है और राष्ट्रीय और मानव सुरक्षा सुनिश्चित करने के माध्यम से आर्थिक विकास के रास्ते खोलता है.
2009 में लगभग 400,000 लोगों ने सेवाएं दीं
उन्होंने कहा कि सरकार देश की राष्ट्रीय सुरक्षा जरूरतों के अनुरूप भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए वर्ष 2030 तक तकनीकी और सामरिक रूप से मजबूत और अच्छी तरह से संतुलित रक्षा बल स्थापित करने के लिए एक रणनीतिक खाका लेकर आई है. साल 2009 में लगभग 400,000 लोगों ने श्रीलंकाई सेना में अपनी सेवाएं दी थीं.
आंकड़ों के अनुसार, श्रीलंका की मौजूदा सेना पर कुल सार्वजनिक खर्च का लगभग 10 फीसदी था, ये आंकड़े पिछले साल के सार्वजनिक खर्च के हैं. श्रीलंका ने इस हफ्ते चेतावनी दी थी कि नए साल की शुरुआत में भारी टैक्स वृद्धि के बावजूद सरकारी कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं. बता दें कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पिछले साल अनुमानित 8.7 प्रतिशत से कम रही थी.
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