Sri Lanka Ramayana Sites: पिछले साल दिवालिया घोषित हुआ भारत का पड़ोसी मुल्क श्रीलंका अब इससे उबरने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए वह तमाम उपाय भी कर रहा है. हालांकि कोई चमत्कार होता नहीं दिख रहा है. ऐसे में अब वह भगवान भरोसे ही है. इसी कड़ी में अब वह भगवान के जरिये अपनी आर्थिक दिक्कत को दूर करने निकल पड़ा है.
आपको सुनकर बेशक थोड़ा अजीब लगे, लेकिन ये मामला है ही कुछ ऐसा. ऑल इंडिया रेडियो की खबर के अनुसार, श्रीलंका की सरकार ने रामायण से जुड़े स्थलों की पहचान की है और इनका इस्तेमाल वह भारत से आने वाले धार्मिक पर्यटकों का टारगेट करने के लिए करेगा.
2022 में भारत से गए थे सबसे ज्यादा पर्यटक
श्रीलंका टूरिज्म प्रमोशन के ऑफिसर जीवन फर्नांडो के अनुसार, भारत से द्वीप पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रामायण (Ramayan) से जुड़े 50 ऐसी जगहों को हमने चिह्नित किया है. इसके अलावा हमारे यहां बौद्ध धर्म से जुड़ी जगहें भी हैं. ये जगहें भारत और दूसरे बौद्ध धर्म वाले देशों के तीर्थयात्रियों को लुभा सकते हैं. भारत से बड़ी संख्या में लोग श्रीलंका में रामायण स्थल पर घूमने आते हैं. 2022 में श्रीलंका में करीब 7.2 लाख पर्यटक आए, जिसमें से भारत से 1.23 लाख पर्यटक थे. यह संख्या सबसे अधिक है. ऐसे में उन्हें लगता है कि यह संख्या और बढ़ सकती है. रामायण स्थल से जुड़ी जगहें भारत के लोगों को ज्यादा आकर्षित कर सकती हैं.
कोविड-19 में अर्थव्यवस्था ने तोड़ दिया था दम
मालूम हो कि कोरोना महामारी के दौरान श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी और रावण का यह देश दिवालिया घोषित हो गया था. श्रीलंका इससे पहले लंबे समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहा था, लेकिन कोरोना में आकर इसने पूरी तरह दम तोड़ दिया. इसकी वजह ये थी कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था पर्यटन और खेती पर ज्यादा निर्भर है, लेकिन कोविड-19 की वजह से इन दोनों कामों पर काफी बुरा असर पड़ा.
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