कोलंबो: श्रीलंका में 10 दिनों के लिए इमरजेंसी लगा दी गई है. इसकी वजह है सिंहली और मुस्लिम समुदाय के बीच जारी संघर्ष. भारतीय क्रिकेट टीम इन मुश्किल हालातों में भी वहां खेल रही है. माना जा रहा है कि अगर श्रीलंका में यह हालात जारी रहे तो आने वाले वक्त में भारत पर भी इसका असर पड़ सकता है.
सिंहलियों के विरोध प्रदर्शन के बाद हिंसा रोकने के लिए श्रीलंका की सरकार ने कैंडी में कर्फ्यू लगा दिया है. श्रीलंका में सिंहली समुदाय और मुस्लिम समुदाय के बीच लंबे वक्त से तनाव जारी है. श्रीलंका में बहुसंख्यक आबादी सिंहली समुदाय के लोगों की है जो बौद्ध धर्म को मानते हैं जबकि श्रीलंका में मुस्लिम समुदाय अल्पसंख्यक हैं.
- 2.1 करोड़ आबादी वाले देश में सिंहली समुदाय के लोगों की संख्या 75 फीसदी है
- श्रीलंका में हिंदू आबादी 13 फीसदी है जबकि मुस्लिम समुदाय की आबादी 10 फीसदी है
- बौद्ध बहुल सिंहली समुदाय मुस्लिम समुदाय पर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाता है
- वहीं मुस्लिम समुदाय खुद को धार्मिक उत्पीड़न का शिकार बताता है
- सिंहली समुदाय का मुस्लिमों पर बौद्ध धर्म की ऐतिहासिक इमारतों को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप है.
भारत पर पड़ सकता है असर
पडोसी देश श्रीलंका में जो समस्या पैदा हुई है जानकारों की राय में उससे भारत भी अछूता नहीं रह सकता. कुछ दूसरे देश इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं. माना जा रहा है कि अगर जल्द हालात नहीं सुधरे तो भारत को शरणार्थियों की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है. म्यांमार में जब दो गुटों के बीच हिंसा हुई तो भारत में बड़ी संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी दाखिल हो गए.
कुल 40 हजार रोहिंग्या शरणार्थी भारत में दाखिल हो चुके हैं. जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद, एनसीआर, हरियाणा और राजस्थान में रोहिंग्या शरणार्थियों ने शरण ली है. इसी वजह से अब ये सवाल उठ रहे हैं कि अगर श्रीलंका में भी हालात नहीं सुधरे तो क्या वहां के अल्पसंख्यक मुस्लिम भारत का रुख करेंगे. इसके अलावा चिंता इस बात की भी है कि कुछ दूसरे देश भी हालात का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं.
जानकारों के मुताबिक पड़ोसी देशों में राजनीतिक अस्थिरता से भारत को खतरा हो सकता है. कई दूसरे देश मदद के बहाने श्रीलंका के करीब आ सकते हैं और चीन, पाकिस्तान, सऊदी अरब जैसे देशों को मौका मिल सकता है. गौरतलब है कि म्यांमार को भी चीन ने मदद का ऑफर दिया था. ऐसे में कई जानकारों की राय है कि भारत, श्रीलंका में पैदा हुई इस समस्या के समाधान के लिए पहल करे.