Sri Lanka: श्रीलंका ने चीन को दिया झटका, जासूसी जहाजों को एंट्री देने से किया साफ मना, मीडिया पर लगा दिया आरोप
Sri Lanka: श्रीलंका के विदेश मंत्री ने जापान यात्रा के दौरान दिए अपने बयान से यूटर्न ले लिया है. उन्होंने कहा है कि उनके बयान को कई मीडिया चैनल ने तोड़मरोड़कर गलत तरीके से पेश किया है.
Sri Lanka News: श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने उन तमाम मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया है, जिनमें उनके हवाले से दावा किया गया था कि श्रीलंका अपने समुद्री क्षेत्र में विदेशी जहाजों को आने की अनुमति देगा. साबरी ने कहा कि श्रीलंका ने अपने जल क्षेत्र और विशेष आर्थिक क्षेत्र में सर्वे के लिए विदेशी अनुसंधान जहाजों पर लगी रोक को हटाने का फैसला नहीं किया है. अली साबरी के हालिया जापान दौरे के दौरान जपानी मीडिया ने उनके हवाले से कहा था कि श्रीलंका जल्द ही समुद्री जल क्षेत्र में विदेशी जहाजों पर लगी रोक को हटा लेगा. श्रीलंका के इस फैसले ने भारत की चिंता बढ़ा दी थी, क्योंकि इससे चीनी जहाजों के भारतीय तट के करीब आने का मौका मिल जाता.
साबरी ने रविवार को कहा कि टोक्यों में एक साक्षात्कार के दौरान दिए गए उनके बयान को तोड़मरोड़ कर गलत तरीके से पेश किया गया. साबरी ने श्रीलंकाई अखबार द डेली मॉर्निंग पोस्ट से कहा कि इस साल तक उनके जल क्षेत्र में विदेशी जहाजों के आवागमन पर रोक है. हम साल के अंत में स्थिति का आकलन करेंगे, जिसके बाद फैसला होगा कि विदेशी जहाजों को आने देना है या नहीं. यह सब उस समय की परस्थिति पर निर्भर करेगा. फिलहाल, सरकार ने अभी तक रोक हटाने पर कोई फैसला नहीं किया है.
चीन को समान अवसर देने की बात
श्रीलंका के विदेश मंत्री ने कहा, 'हम एक राष्ट्र के रूप में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय समुद्री केंद्र बनने की इच्छा रखते हैं. हम समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र के कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों को पूरा करते हैं. हम ये साफ करना चाहते हैं कि समुद्री जहाज के आवागमन को लेकर अलग-अलग देशों के लिए अलग नियम नहीं बन सकते हैं. ऐसे में चीन के लिए भी अन्य देशों की तरह समान अवसर होंगे.'
टोक्यो में साबरी ने क्या कहा?
दरअसल, श्रीलंका के विदेश मंत्री हाल ही में जापान दौरे पर गए थे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान उन्होंने जापान की सरकारी मीडिया एनएचके वर्ल्ड को दिए इंटरविव में कहा था कि श्रीलंका की सरकार ने अपने जल क्षेत्र में अनुसंधान के लिए आने वाली विदेशी जहाजों पर लगे बैन को खत्म करने का निर्णय लिया है. इस दौरान उन्होंने कहा था कि हम अलग देशों के लिए अलग नियम नहीं बना सकते हैं, चीन को भी समान अवसर दिया जाएगा. अब उन्होंने इस बयान को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है.
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