श्रीलंका में एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन की पहली खेप पहुंची, कोवैक्स प्लान के तहत भेजे गए डोज
श्रीलंका को विश्व स्वास्थ्य संगठन के 'कोवैक्स' के तहत मिलनेवाली कोविड-19 वैक्सीन के डोज देश पहुंच चुके हैं. कोवैक्स प्लान का मकसद आय का भेदभाव किए बिना सभी देशों तक कोविड-19 की आपूर्ति को सुनिश्चित करना है.
कोलंबो: ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की 2,64,000 खुराकों की पहली खेप रविवार को श्रीलंका पहुंच गई. एक अधिकारी ने जानकारी दी कि श्रीलंका को मिलनेवाली वैक्सीन की खेप विश्व स्वास्थ्य संगठन के ‘कोवैक्स’ कार्यक्रम का हिस्सा है. श्रीलंका की मंत्री डॉ सुदर्शिनी फर्नांडोपुले ने कोरोना वायरस वैक्सीन की पहली खेप रविवार को पहुंचने की पुष्टि की.
श्रीलंका में पहुंची एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की खेप
उन्होंने कहा, "कोवैक्स कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय को डोज मिले और श्रीलंका तक पहुंचाने में यूनिसेफ की मदद शामिल रही." आपको बता दें कि ‘कोवैक्स’ विश्व स्वास्थ्य सगंठन का शुरू किया गया एक वैश्विक कदम है. उसका उद्देश्य आय के स्तर को नजरअंदाज करते हुए सभी देशों के लिए त्वरित और समान रूप से कोविड-19 वैक्सीन मुहैया कराना है. फरवरी के अंतिम सप्ताह में भारत से मांग पर कोविड-19 वैक्सीन का 500,000 डोज श्रीलंका भेजा गया था. कार्यवाहक स्वास्थ्य मंत्री चन्ना जयासुमना ने बताया था कि कोविशील्ड की वैक्सीन के डोज श्रीलंका पहुंच चुके हैं.
WHO के ‘कोवैक्स’ कार्यक्रम के तहत मिला डोज
उन्होंने ये भी कहा था कि खेप का ऑर्डर देश की फार्मा कंपनी और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के बीच करार के तहत किया गया है. सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट से एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के 10 मिलियन डोज की मांग का ऑर्डर किया था, जबकि 3.5 मिलियन डोज सीधे ब्रिटेन के एस्ट्राजेनेका इंस्टीट्यूट से कोवैक्स कार्यक्रम के तहत मिलने की बात सामने आई थी. स्वास्थ्य अधिकारियों ने उम्मीद जताई थी कि भारतीय ऑर्डर के तहत अगली खेप मार्च में पहुंच जाएगी. जनवरी में भारत ने श्रीलंका को 'वैक्सीन मैत्री' पहल के तहत श्रीलंका और बहरीन को अनुदान सहायता के तौर पर छह लाख कोविड-19 वैक्सीन का डोज रवाना किया था.