China News: चीन की इस चाल ने बढ़ाई भारत की चिंता, श्रीलंका सरकार ने दी ड्रैगन के जहाज को समुद्र में रिसर्च की अनुमति
What is Shi Yan 6 : भारत के पड़ोसी देश चीन से अच्छे संबंध नहीं है. पिछले कई साल से दोनों के रिश्ते बिगड़े हुए हैं. इस बीच चीन ने एक बार फिर अपने जहाज को श्रीलंका में उतारकर भारत की चिंता बढ़ा दी है.
China and Sri Lanka Friendship: श्रीलंका सरकार के एक फैसले ने एक बार फिर भारत सरकार की चिंता बढ़ा दी है. दरअसल, चीन का एक जहाज रविवार (29 अक्टूबर) को कोलंबो बंदरगाह पर पहुंचा. यह जहाज दो दिन तक यहां रहेगा. श्रीलंका के विदेश मंत्रालय का कहना है कि उसने इस चीनी जहाज को द्वीप के पश्चिमी तट पर निगरानी के साथ समुद्र में रिसर्च करने की अनुमति दी है और यह सिर्फ 48 घंटे के लिए है.
वहीं, भारत की चिंता है कि कहीं यह जहाज जासूसी जहाज न हो. इससे पहले भी चीन का जासूसी जहाज श्रीलंका में आ चुका है. खतरे के आशंके के बीच भी श्रीलंका सरकार की तरफ से इस तरह की इजाजत देने से विदेश मंत्रालय थोड़ा परेशान है. श्रीलंका विदेश मंत्रालय का कहना है कि चीनी रिसर्च जहाज शी यान 6 सोमवार से बुधवार तक कोलंबो में रहेगा.
क्या कहा श्रीलंका सरकार ने
बता दें कि निगरानी के तहत समुद्री अनुसंधान की अनुमति देने का निर्णय हिंद महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति को एक बार फिर दिखाता है. बताया गया है कि श्रीलंका ने पहले जहाज की संभावित जासूसी क्षमताओं के बारे में चिंता व्यक्त की थी. इसके बाद चीन ने इन चिंताओं को दूर करने के लिए, जहाज को स्थानीय वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के साथ-साथ श्रीलंका नौसेना की निगरानी में रखने को हामी भरी. श्रीलंका सरकार का कहना है कि उसने पूरा निरीक्षण करने के बाद इस शिप को तय समय के लिए यहां आने की अनुमति दी है.
श्रीलंका के वैज्ञानिक और रिसर्चर्स रहेंगे मौजूद
श्रीलंका सरकार का कहना है कि दो दिनों की रिसर्च एक्टिविटी के दौरान स्थानीय वैज्ञानिक शी यान-6 पर मौजूद रहेंगे. उन्होंने कहा कि, 'हमारे वैज्ञानिक और शोधकर्ताओं के अलावा श्रीलंका की नौसेना भी इस जहाज की निगरानी करेगी. चीन का शी यान-6 जहाज कोलंबो बंदरगाह पर लंगर डाले हुए है. इसी जगह पर चीन की एक कंपनी गहरे समुद्र में एक टर्मिनल का संचालन करती है.
कौन सा जहाज है शी यान 6?
चीन के सरकारी टीवी CGTN के मुताबिक, शी यान-6 जहाज एक रिसर्च शिप है, जो समुद्र विज्ञान, भू-विज्ञान और समुद्री पारिस्थितिकी का परीक्षण करता है. इस पर 60 लोग सवार हो सकते हैं. यह 6, 90 मीटर तक नजर रख सकता है.
इसलिए भारत की बढ़ी चिंता
बता दें कि पहले भी चीन इस तरह की हरकत कर चुका है. इसके अलावा चीन लगातार हिंद महासागर में वैज्ञानिक परीक्षण करने के भेष में दूसरे देशों की जासूसी करता है. ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं.
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