Sri Lanka: श्रीलंका में बीफ-मटन के ट्रांसपोर्टेशन पर रोक क्यों लगी, यहां जानिए वजह
Sri Lanka: भारत में लंपी वायरस के चलते अब तक 1 लाख 55 हजार से ज्यादा मवेशियों की मौत हो चुकी है. इन मौतों में 75 हजार मौत केवल राजस्थान से दर्ज हुई हैं.
Sri Lanka: श्रीलंका में खराब मौसम के चलते बड़ी संख्या में मवेशियों की मौत के बाद सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. एहतियात के तौर पर सरकार ने बीफ (Beef) और मटन (Mutton) के ट्रांसपोर्टेशन (Transportation) पर रोक लगा दी है. दरअसल, बीते दो दिनों में अधिक ठंड के चलते भारी संख्या में बकरियों और गायों की मौत हुई हैं.
सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला और प्रांतीय स्तर पर बीफ और मटन के ट्रांसपोर्टेशन पर कड़ाई से रोक लगा दी है. आंकड़ों की बात करें तो देश के उत्तरी प्रांत में अब तक 358 गायों की मौत हो चुकी है जबकि 191 बकरियों ने दम तोड़ा है. वहीं, पूर्वी प्रांत के आंकड़े को देखें तो यहां 444 गायों, 34 भैंसों समते 65 बकरियों ने दम तोड़ा है.
नमूनों की जांच के लिए भेजा जाएगा लैब- हेमाली कोठालवाया
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमासिंहे (Ranil Wickremesinghe) ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आदेश जारी किए हैं. विभाग के महानिदेशक हेमाली कोठालवाया (Hemali Kothalwaya) ने एक बयान में कहा, इन मृत पशुओं के नमूनों को जांच के लिए पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान लैब भेजा जाएगा.
लंपी वायरस से भारत में 1.55 लाख मवेशियों की मौत
बता दें, भारत में लंपी वायरस के चलते अब तक 1 लाख 55 हजार से ज्यादा मवेशियों की मौत हो चुकी है. इन मौतों में 50 प्रतिशत यानी 75 हजार मौत केवल राजस्थान से दर्ज हुई हैं. लंपी वायरस 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैल चुकी है. ये आंकड़ा पशुपालन और डेयरी विभाग ने राज्य सभा में पेश किया. लंपी स्किन मवेशियों में कैप्रिपॉक्स नाम के वायरस से फैलने वाली बीमारी है. ये तेजी से एक पशु में दूसरे में फैलती है. इस वायरस के चलते मवेशियों को तेज बुखार और शरीर में गांठें पड़ जाती हैं.
यह भी पढ़ें.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

