श्रीलंका सरकार ने अडानी ग्रुप को दी बड़ी खुशखबरी, बिजली खरीदेंगे पर...
श्रीलंका सरकार ने उन खबरों का खंडन किया कि मन्नार और पूनरिन परियोजनाओं के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में स्थित अडानी ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं को रद्द किया जाना है.
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श्रीलंका में अडानी ग्रुप के करोड़ों के पावर प्रोजेक्ट पर मंडा रहे संकट के बादल छटते नजर आ रहे हैं. कुछ दिन पहले खबरें आई थीं कि श्रीलंका सरकार अडानी ग्रुप के साथ बिजली खरीद समझौता खत्म करने पर विचार कर रही है. हालांकि, अब ऐसी सभी अफवाहों पर विराम लग गया है क्योंकि श्रीलंका सरकार ने डील को लेकर अडानी ग्रुप से नए सिरे से बातचीत करने की इच्छा जताई है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में देश के ऊर्जा मंत्रालया के सूत्रों के हवाले से डील खत्म करने की बात कही गई थी, जबकि कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया था कि ऐसा नहीं है. अडानी ग्रुप ने भी बयान जारी कर कहा था कि 484 मेगावाट क्षमता वाला प्रोजेक्ट रद्द नहीं किया जा रहा है.
श्रीलंका की सरकार 484 मेगावाट क्षमता वाली पवन ऊर्जा परियोजना से पैदा होने वाली बिजली की लागत कम करने को लेकर अडानी ग्रीन एनर्जी के साथ बिजली खरीद समझौते पर फिर से बातचीत करेगी. श्रीलंका सरकार के प्रवक्ता नलिंदा जयतिसा ने मंगलवार (28 जनवरी, 2025) को कहा कि सरकार इस परियोजना की लागत को 0.06 अमेरिकी डॉलर प्रति यूनिट से कम करने के बारे में अडानी ग्रुप की कंपनी के साथ नए सिरे से बातचीत करेगी.
जयतिसा ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'हम चाहते हैं कि यह छह अमेरिकी सेंट से कम हो.' श्रीलंका की पिछली सरकार ने 484 मेगावाट क्षमता के पवन संयंत्रों के लिए 8.2 सेंट के भाव पर अडानी ग्रीन एनर्जी के साथ 20 साल का बिजली खरीद समझौता (PPA) करने का फैसला किया था. हालांकि, इस निर्णय पर विवाद हो गया था क्योंकि स्थानीय बोलीदाताओं ने उससे कम यूनिट कीमतों की बोली लगाई थी.
जयतिसा की पार्टी नेशनल पीपल्स पावर (NPP) ने पहले अडानी ग्रीन एनर्जी परियोजना को रद्द करने का वादा किया था. पिछली सरकार द्वारा सहमत खरीद मूल्यों पर नई सरकार ने दिसंबर में हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था. हालांकि, श्रीलंका सरकार ने उन खबरों का खंडन किया कि मन्नार और पूनरिन परियोजनाओं के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में स्थित अडानी ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं को रद्द किया जाना है, लेकिन सरकार ने यह जरूर कहा कि उसके द्वारा नियुक्त एक समिति पूरी परियोजना की समीक्षा करेगी.
अडानी ग्रीन एनर्जी ने भी पहले इस बात से इनकार किया था कि श्रीलंका सरकार ने परियोजना रद्द कर दी है. अडानी ग्रुप की कंपनी ने पिछले हफ्ते अपने एक बयान में कहा कि मई, 2024 में स्वीकृत शुल्क दरों का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए दो जनवरी, 2025 का श्रीलंकाई मंत्रिमंडल का निर्णय एक मानक समीक्षा प्रक्रिया का हिस्सा है. खासकर एक नई सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि समझौते की शर्तें उनकी वर्तमान प्राथमिकताओं और ऊर्जा नीतियों से मेल खाती है.
इसके साथ ही अडानी ग्रीन एनर्जी ने कहा था कि वह श्रीलंका के हरित ऊर्जा क्षेत्र में एक अरब डॉलर का निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा.
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