Sri Lanka Economic Crisis: गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका की स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि दूसरे देशों की मदद से भी वो अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा है. जानकारी के मुताबिक, श्रीलंका में अप्रैल महीने के अंत तक डीजल की कमी हो सकती है. भारत की ओर से ईंधन खरीदने के लिए भेजी गई 500 मिलियन डॉलर की क्रेडिट लाइन भी तेजी से समाप्त हो रही है.
साल 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका सबसे बुरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है. वहां लोग लंबे समय से बिजली कटौती, गैस, भोजन और अन्य बुनियादी सामानों की कमी को लेकर हफ्तों से जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लोगों के गुस्से ने करीब-करीब सभी कैबिनेट मंत्रियों को पद छोड़ने पर मजबूर कर दिया और कई सासंदों ने राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की सरकार का साथ छोड़ दिया है.
अधिकारियों के अनुसार, श्रीलंका में ईंधन के शिपमेंट एक अप्रैल के बजाए मार्च के अंत में पहुंचने लगे थे. इसके अलावा 15, 18 और 23 अप्रैल को भी तीन और भारतीय शिपमेंट होने वाले हैं और यह सुविधा तब तक पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी, अगर श्रीलंका सरकार भारत से और मदद में विस्तार की मांग नहीं करती है.
हर रोज करीब 10 घंटे के लिए बिजली कटौती
श्रीलंका में डीजल का सबसे ज्यादा उपयोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट और बिजली उत्पादन में होता है. श्रीलंका में डीजल की कमी के कारण कुछ थर्मल पावर प्लांट पहले ही बंद हो गए हैं. जिसके चलते हर रोज करीब 10 घंटे के लिए बिजली कटौती हो रही है. वहीं आयात के लिए भुगतान करने में असमर्थ होने के चलते देश की एकमात्र रिफायनरी नवंबर 2021 में दो बार बंद हो चुकी है. वहीं सरकार की इस विफलता से गुस्साए लोग सड़कों पर उतर आए हैं और इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं.
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