Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में आर्थिक और सियासी संकट बरकरार, स्पीकर ने इस वजह से बुलाई सर्वदलीय बैठक
Sri Lanka Parliament: श्रीलंका के प्रमुख विपक्षी दल समागी जन बालवेगया (एसजेबी) ने देश में राष्ट्रपति शासन प्रणाली को खत्म करने के प्रावधान वाला एक संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश किया है.
Sri Lanka Political Crisis: श्रीलंका में सियासी और आर्थिक संकट बरकरार है. इस बीच श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने ने सोमवार को कहा कि उन्होंने प्रमुख संवैधानिक सुधारों पर चर्चा करने के लिए गुरुवार को सभी दलों के नेताओं की एक बैठक बुलाई है. एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. श्रीलंका के प्रमुख विपक्षी दल समागी जन बालवेगया (एसजेबी) ने देश में राष्ट्रपति शासन प्रणाली को खत्म करने के प्रावधान वाला एक संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश किया है. विपक्ष ने देश में 1978 से लागू राष्ट्रपति शासन प्रणाली को समाप्त कर संवैधानिक लोकतंत्र को दोबारा बहाल करने की मांग की है.
संवैधानिक सुधारों पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक
एसजेबी ने गुरुवार को एक संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश किया, जिसमें राष्ट्रपति शासन प्रणाली को समाप्त करने समेत कई अन्य प्रावधान भी मौजूद हैं. श्रीलंका 1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद से अब तक के इतिहास में अभूतपूर्व आर्थिक और ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है. देश में ईंधन की कीमतें आसमान छू रहीं हैं. श्रीलंका में लोग राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे और उनकी पार्टी श्रीलंका पोदुजाना (पेरामुना) के नेतृत्व वाली सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
श्रीलंका में आर्थिक संकट बरकरार
गौरतलब है कि आजादी मिलने के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है. महंगाई चरम पर है. पेट्रोल - डीजल समेत कई जरुरी चीजों की भारी किल्लत है. इस बीच, वर्तमान आर्थिक संकट के समाधान की मांग करते हुए, द्वीप राष्ट्र में सरकार विरोधी विरोध प्रदर्शन जारी हैं. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे के इस्तीफे की मांग की जा रही है. 1 अप्रैल को श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने आपातकाल की घोषणों कर दी थी. जिसे नाराज नागरिकों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध के बाद एक हफ्ते के भीतर वापस ले लिया गया था.
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