कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने सोमवार को संसद का कार्यकाल पूरा होने से छह महीने पहले ही उसे भंग कर 25 अप्रैल को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा कर दी. सरकारी विभाग ने कहा कि राजपक्षे ने आज आधी रात से संसद भंग करने की गजट अधिसूचना पर हस्ताक्षर किया. वर्तमान संसद एक सितंबर 2015 को नियुक्त की गई थी.

श्रीलंका की संसद को भंग करने के लिये कम से कम उसका साढ़े चार साल का कार्यकाल पूरा होना जरूरी होता है. यह समय रविवार आधीरात को पूरी हो गई थी.

अधिसूचना के अनुसार 25 अप्रैल को चुनाव होंगे और 14 मई को संसद का पहला सत्र शुरू होगा. गोटबाया की जीत राजपक्षे परिवार को फिर से देश की सत्ता में ले आई थी. महिंद्रा राजपक्षे पिछले राष्ट्रपति चुनाव में आश्चर्यजनक रूप से हार गये थे.

पर्यवेक्षकों के मुताबिक राजपक्षे का झुकाव चीन की ओर ज्यादा है. पर्यवेक्षकों के मुताबिक राजपक्षे का झुकाव चीन की ओर ज्यादा है. महिंदा राजपक्षे ने तमिल अलगाववादी युद्ध को समाप्त करने में अहम भूमिका निभाई थी जिसके कारण वह सिंहली बौद्ध बहुल समुदाय के प्रिय बन गए.

गोटबाया उनके शीर्ष रक्षा मंत्रालय अधिकारी थे जिन्होंने लिट्टे के खिलाफ सैन्य अभियान की निगरानी की थी. गोटबाया राजपक्षे मैत्रीपाला सिरिसेना की जगह राष्ट्रपति बने थे.

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