दिवालिया हो चुके श्रीलंका के काम आएगा भारत, चीन भी करेगा मदद, जानें क्या करने जा रहे दोनों देश
Sri Lanka Economic Crisis: भारत ने औपचारिक रूप से बताया है कि वह श्रीलंका की ऋण पुनर्गठन योजना का समर्थन करेगा जिससे उसे आईएमएफ से लोन मिल सके.
Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने मंगलवार को संसद को बताया कि ऋण पुनर्गठन पर भारत और चीन के साथ बातचीत सफल रही है. विक्रमसिंघे ने कहा, "हम इस संबंध में चर्चा जारी रख रहे हैं और मुझे इस सदन को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि वर्तमान में चर्चा सफल रही है," विशेष रूप से, श्रीलंका देश के इतिहास में सबसे खराब आर्थिक संकट से राहत पाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष फंड का इंतजार कर रहा है.
यह घोषणा भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की श्रीलंका की यात्रा को देखते हुए की गई है. एस जयशंकर 18-20 जनवरी तक मालदीव और श्रीलंका के दौरे पर रहेंगे. एस जयशंकर के श्रीलंका दौरे के बारे में, विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर की यात्रा जनवरी 2021 और मार्च 2022 में दिवालिया देश की उनकी पिछली यात्राओं के बाद होगी. श्रीलंका हमारा एक करीबी दोस्त और पड़ोसी है और भारत हर समय श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है.
चीन का एक प्रतिनिधिमंडल श्रीलंका की यात्रा पर
विक्रमसिंघे की घोषणा के बाद चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल श्रीलंका की यात्रा पर है, जबकि भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को गुरुवार को यात्रा करनी है. इस बीच, अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने सोमवार को बताया कि भारत ने औपचारिक रूप से बताया है कि वह श्रीलंका की ऋण पुनर्गठन योजना का समर्थन करेगा, जिससे दिवालिया राष्ट्र के लिए आईएमएफ से 2.9 अरब डॉलर के बेलआउट को अनलॉक करने में एक बड़ी बाधा दूर हो जाएगी.
श्रीलंका को 4 साल के लिए सशर्त IMF बेलआउट का इंतजार
वित्त राज्यमंत्री शेहान सेमासिंघे ने कहा है, "श्रीलंका को 2023 की पहली तिमाही में आईएमएफ बोर्ड की मंजूरी मिलने का भरोसा है." जैसा कि देश अपनी आजादी के बाद से अब तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है, श्रीलंका चार साल के लिए सशर्त आईएमएफ बेलआउट का इंतजार कर रहा है. इस वित्तीय सुविधा को प्राप्त करने के लिए श्रीलंका को प्रमुख लेनदारों चीन, भारत और जापान सहित द्विपक्षीय लेनदारों के साथ अपने ऋणों का पुनर्गठन करना होगा.
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