नई दिल्ली: भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव संपंन हो चुके हैं. छिटपुट हिंसा की खबरों को छोड़ दें तो श्रीलंका में चुनाव में मतदान की प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई. श्रीलंका में राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री से अधिक शक्तियां प्राप्त हैं इसलिए वहां राष्ट्रपति का चुनाव बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. देशभर में मतदान के लिए 1.59 करोड़ मतदाताओं के लिए 12,845 मतदान केन्द्र बनाये गये थे.
चुनाव अधिकारियों और चुनाव निगरानी समूहों ने बताया कि मतदान का अंतिम आंकड़ा 80 प्रतिशत रहेगा. अब लोगों को नतीजों का इंतजार है. अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक परिणाम मध्य रात्रि के बाद आने की उम्मीद है. अंतिम परिणाम सोमवार को आयेंगे.
यह चुनाव ईस्टर संडे बम विस्फोट के बाद सुरक्षा चुनौतियों और बढ़ते राजनीतिक ध्रुवीकरण से जूझ रहे श्रीलंका का भविष्य तय करेगा. जानकार मानते हैं कि इस चुनाव में तीन प्रमुख (आतंकवाद,आर्थिक स्थिति और सुरक्षा) मुद्दे रहे. मतदान संपन्न होने के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पत्रकारों से कहा , ‘‘ हमने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित की है. यह एक ऐसी उपलब्धि है जिससे हम सभी खुश हो सकते हैं. ’’
देश के शीर्ष पद के लिए हो रहे इस चुनाव में रिकॉर्ड 35 उम्मीदवार मैदान में है. चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार और आवास मंत्री सजीथ प्रेमदासा (52) और विपक्ष के नेता गोताबाया राजपक्षे (70) के बीच कड़ा मुकाबला है. नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन से अनुरा कुमारा दिसानायके भी एक मजबूत उम्मीदवार हैं. वर्ष 2015 में राष्ट्रपति चुने गए सिरिसेना इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं.