Sri Lanka Crisis: विद्रोह की आग में उबल रहा है श्रीलंका, क्यों इसकी आंच पहुंची राष्ट्रपति भवन तक
Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में आर्थिक संकट गहराता जा रहा है.आलम यह है कि प्रदर्शनकारी (Protesters) राष्ट्रपति भवन में घुस गए और राष्ट्रपति को भागना पड़ा. पड़ोसी देश की अंशाति भारत के लिए भी चिंता है.
Sri Lanka Crisis: भारत के पड़ोसी देश में श्रीलंका (Sri Lanka) की बदहाली का हाल किसी से छुपा नहीं है. हालात इतने बदतर हो गए हैं कि जनता सड़क पर उतर आई है. वहां के निवासियों में मौजूदा आर्थिक संकट (Economic Crisis)को लेकर गुस्सा शनिवार को देश के राष्ट्रपति भवन पर फूट पड़ा. प्रदर्शनकारी गोटा गो होम (Gota Go Home) के नारे लगाते हुए राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) के राष्ट्रपति भवन में घुस गए. डरे हुए राष्ट्रपति वहां से भाग निकले. प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है. ताजा जानकारी के मुताबिक राष्ट्रपति का सामान एयरपोर्ट पर देखा गया है. आइए जानते हैं जनता के गुस्से की सीमा जब हद पार करती है तो देश में महामहिम क्या अच्छे-अच्छे को नाकों चने चबवा देते हैं. जनतंत्र की यही ताकत श्रीलंका में बेकाबू हैं.
"गोटा गो होम"के नारों और राष्ट्रपति भवन पर कब्जा
श्रीलंका में बीते कई दशकों से आर्थिक संकट झेल रहा है. वहां सामानों की लगातार बढ़ती कीमतों और पेट्रोल, दवाई जैसे जरूरी सामानों की कमी का सामना कर रहे वहां के निवासी बेहद परेशान है और इसे लेकर लोगों में खासा गुस्सा है. यही कारण हैं कि वहां लंबे समय से लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. शनिवार 9 जुलाई को देश के कोने-कोने से लोग विरोध प्रदर्शन के लिए कोलंबो (Colombo) पहुंचे. प्रदर्शनकारी दोपहर एक बजे के लगभग राष्ट्रपति के सरकारी आवास में घुस गए. इनमें से कुछ मेनगेट पर चढ़ गए और आवासीय परिसर में दाखिल हो गए.
गौरतलब है कि राजपक्षे पर मार्च से ही इस्तीफा देने का दबाव बढ़ रहा है, वह अप्रैल में प्रदर्शनकारियों के उनके कार्यालय के प्रवेश द्वार पर कब्जा करने के बाद से ही राष्ट्रपति आवास को अपने आवास तथा कार्यालय के तौर पर इस्तेमाल कर रहे थे. हालांकि वहां सेना के जवानों भी तैनात थे, लेकिन भारी संख्या में आए लोगों को वह भी नहीं रोक पाए.सैकड़ों प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग करते हुए मध्य कोलंबो के अति सुरक्षा वाले फोर्ट इलाके में अवरोधकों को हटाकर यहां तक पहुंच गए. यहां पुलिस ने कर्फ़्यू लगाया था. यहां से सामने आई वीडियो फ़ुटेज में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में लगी कुर्सियों और स्वीमिंग पूल में दिख रहे हैं.हालांकि राष्ट्रपति आवास में काम करने वाले लोगों ने बताया कि शनिवार के प्रदर्शन के मद्देनजर राष्ट्रपति राजपक्षे ने शुक्रवार को ही आवास खाली कर दिया था.
कोलंबों में तनाव की स्थिति
एक रिपोर्ट के मुताबिक गॉल क्रिकेट स्टेडियम जहां श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मैच चल रहा है, वहां भी काफी तादाद में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हैं. देश की राजधानी कोलंबो में तनाव की वजह से सेना को तैनात किया गया है. इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और हवाई फायर किए हैं. इस हंगामें के दौरान कई लोग घायल भी हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया है.
कोलंबो नेशनल हॉस्पिटल के मुताबिक एक सुरक्षा गार्ड सहित 33 लोग घायल हुए हैं. अधिकारियों के मुताबिक कोलंबों में शुक्रवार की रात नौ बजे लगा कर्फ़्यू अगले आदेश तक जारी रहेगा. प्रशासन ने लोगों से घरों में ही रहने और बाहर न निकलने को कहा है. यहां किसी भी अनहोने से निपटने के लिए हजारों सैनिक तैनात किए गए हैं.
स्पीकर के घर बैठक के फैसले
देश के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने स्पीकर के घर पर पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई थी. सूत्रों के अनुसार श्रीलंका के स्पीकर के घर में हुई बैठक में स्पीकर के अंतरिम राष्ट्रपति पद पर कााबिज होने के आसार हैं. देश में सर्वदलीय सरकार बनने की बात भी सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति गोटाबाया सहित पीएम रानिल विक्रम सिंघे (Ranil Wickremesinghe) भी इस्तीफा के लिए तैयार हो गए हैं.
आर्थिक संकट है फसाद की जड़
गौरतलब है कि 2.2 करोड़ की आबादी वाला देश श्रीलंका मौजूदा वक्त में गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह देश के विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से कमी आना है. लोगों का आरोप है कि यह सब श्रीलंका की सरकार की मेहरबानी है, जिससे आर्थिक व्यवस्था हाशिए पर आ गई और रही-सही कसर कोरोना महामारी ने पूरी कर दी. विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आने से श्रीलंका बेहद जरूरी वस्तुओं का भी आयात नहीं कर पा रहा है. इस साल मई में ये देश 30 दिनों के अतिरिक्त समय देने के बाद भी सात करोड़ 80 लाख डॉलर की कर्ज की किश्त नहीं चुका पाया. ये अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लगभग 3.5 अरब डॉलर की बेलआउट राशि की मांग कर रहा है. श्रीलंका को अपने मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने के लिए आईएमएफ के साथ ही अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से पांच अरब डॉलर की मदद की जरूरत बताई है.
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