Sri Lanka Crisis: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने इस काम के लिए भारत से मांगी 55 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद
Economic Crisis In Sri Lanka: श्रीलंका के हालात बद से बदतर हो गई है. आर्थिक संकट चरम पर है. अब श्रीलंका ने भारत से यूरिया की खरीद के लिए 55 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मदद मांगी है.
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Sri Lanka Seeks Loan From India: आर्थिक संकट (Economic Crisis), खाद्य संकट (Food Crisis) के साथ-साथ कई तरह के संकटों से जूझ रहे श्रीलंका (Sri Lanka) ने भारत (India) से 55 मिलियन अमेरिकी डॉलर (55 Million USD) की मदद मांगी है. उसने ये मदद यूरिया (Fertilizers) के खरीदने के नाम पर मांगी है. हाल ही में श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने देश में आर्थिक संकट के चलते खाद्य संकट की चेतावनी दी थी. एक अधिकारी ने बताया कि देश में खेती करने के लिए यूरिया की खरीद (Purchase Of Fertilizers) वाले भारत के साथ एक समझौते (Agreement) को कैबिनेट (Cabinet) ने तैयार कर लिया है जिस पर प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के हस्ताक्षर होने हैं.
श्रीलंका की सरकार ने कहा है कि भारत इंपोर्ट-एक्सपोर्ट बैंक से 55 मिलियन अमेरिकी डॉलर श्रीलंका को देने के लिए राजी भी हो गया है. 2022-23 सीजन के लिए ये लोन यूरिया खरीद के लिए मिल रहा है. तो वहीं प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि अगर किसानों की कमी को दूर करने के लिए सरकार तुरंत कार्रवाई करे तो अगले 5 से 6 महीने में कृषि की मौजूदा कमी को दूर किया जा सकता है.
कृषि संकट के लिए गोटबाया राजपक्षे जिम्मेदार
श्रीलंका में कृषि संकट के लिए गोटबाया राजपक्षे को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. उन्होंने ही देश में केमिकल फर्टिलाइजर के इंपोर्ट पर रोक लगा दी थी जिसकी वजह से आज देश कृषि के क्षेत्र में 50 फीसदी फसल का नुकसान हो रहा है. राजपक्षे के इस निर्णय के बाद व्यापक रूप से किसानों ने विरोध किया लेकिन राजपक्षे सरकार ने इसे ये कहते हुए नजरंदाज कर दिया कि हम देश में जैविक खाद का इस्तेमाल करेंगे और हरित कृषि की नीति के लिए एक छोटा सा प्रयास है.
आजादी के बाद से श्रीलंका सबसे बुरे दौर से गुजर रहा
साल 1945 में अंग्रेजों से आजादी (Freedom From Britain) मिलने के बाद से श्रीलंका (Sri Lanka) अपने सबसे खराब आर्थिक संकट (Economic Crisis) से गुजर रहा है. यहां आर्थिक संकट से भोजन (Food), दवा (Medicine), रसोई गैस (Gas) के अलावा अन्य ईंधन (Fuel), टॉयलेट पेपर यहां तक कि माचिस जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी हो गई. हालात ये हो गए हैं कि श्रीलंकाई लोगों को महीनों तक ईंधन और रसोई गैस खरीदने के लिए दुकानों (Shops) के बाहर घंटों इंतजार (Wait) करने के लिए मजबूर होना पड़ता है.
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