कोलंबो: आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने श्रीलंका में ईस्टर के दिन हुए भयानक आत्मघाती हमलों की मंगलवार को जिम्मेदारी ली. वहीं श्रीलंका के एक वरिष्ठ मंत्री ने संसद को बताया कि शुरूआती जांच के अनुसार स्थानीय इस्लामी कट्टरपंथियों ने न्यूजीलैंड की मस्जिदों में हुयी गोलीबारी का बदला लेने के लिए इन हमलों को अंजाम दिया था.


ईस्टर के दिन गिरजाघरों और लग्जरी होटलों को निशाना बनाकर किए गए हमलों में मृतकों की संख्या बढ़कर 321 हो गयी है. मृतकों में 10 भारतीय सहित 38 विदेशी नागरिक शामिल हैं.


श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने कहा


मंगलवार शाम एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान एबीपी न्यूज के सवाल पर श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने कहा कि अब भी कुछ लोग विस्फोटकों के साथ बाहर हैं, उन्हें पकड़ने की कोशिश जारी है.


वहीं एबीपी न्यूज के एक अन्य सवाल के जवाब में श्रीलंकाई प्रधानमंत्री ने इस बात की भी तस्दीक की कि रविवार को हुए हमले के निशाने पर भारतीय उच्चायोग और कुछ अन्य भारतीय संपत्तियां भी थी, उन्होंने कहा कि हमारे पास मौजूद रिपोर्ट यही बताती हैं.


झुकाया गया राष्ट्रीय झंडा


आत्मघाती हमलावरों द्वारा कथित तौर पर इस्तेमाल किए गए एक वैन के चालक सहित 40 संदिग्धों को हमलों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है. श्रीलंका में मंगलवार को एक दिन का राष्ट्रीय शोक रखा गया था.


इन हमलों में मारे गए लोगों की याद में सुबह देश में तीन मिनट का मौन रखा गया. इस दौरान राष्ट्रीय झंडा झुका दिए गए. यह रस्मी शोक सुबह साढ़े आठ बजे शुरू हुआ. गौरतलब है कि पहला धमाका सुबह साढ़े आठ बजे ही हुआ था.


हमले की जिम्मेदारी


अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन आईएसआईएस ने अपनी प्रचार संवाद समिति ‘अमाक’ के मार्फत एक बयान में कहा कि परसों श्रीलंका में गठबंधन देशों के सदस्यों और ईसाइयों को निशाना बना कर जिन लोगों ने हमला किया, वे इस्लामिक स्टेट समूह के लड़ाके हैं.


श्रीलंका ने कहा है कि स्थानीय इस्लामी चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात हमलों के पीछे था और यह जांच की जा रही है कि क्या उनके पास अंतरराष्ट्रीय समर्थन था.


हमलों पर चर्चा के लिए बुलाए गए संसद के आपात सत्र को संबोधित करते हुए श्रीलंका के रक्षा राज्य मंत्री रूवन विजयवर्धने ने कहा कि शुरुआती जांच में पाया गया है कि आत्मघाती हमले 15 मार्च को न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च की मस्जिदों में हुए हमले का बदला लेने के लिए किये गये थे.


उन्होंने कहा कि हमले से पहले कुछ सरकारी अधिकारियों को भेजे गये खुफिया मेमो के मुताबिक, श्रीलंका में हमले के लिए जिम्मेदार इस्लामी कट्टरपंथी संगठन के एक सदस्य ने क्राइस्टचर्च हमले के बाद सोशल मीडिया पर 'चरमपंथी सामग्री. पोस्ट की थी.


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