China Taiwan Tension: ताइवान के मुद्दे पर चीन को एक और देश का साथ मिला है. रूस और पाकिस्तान के समर्थन के बाद अब श्रीलंका (Sri Lanka) ने चीन (China) का समर्थन किया है. अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) के ताइवान (Taiwan) के दौरे के एक दिन बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickremesinghe) ने एक-चीन नीति (One-China Policy) को लेकर प्रतिबद्धतता जताई. बता दें बीजिंग (Beijing) ने पेलोसी के ताइवान दौरे का तीखा विरोध किया है. 


श्रीलंका के राष्ट्रपति ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘श्रीलंका में चीन के राजदूत (Ambassador) क्यूई जेनहोंग के साथ एक बैठक के दौरान एक चीन नीति के साथ-साथ राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के संयुक्त राष्ट्र चार्टर सिद्धांतों के लिए श्रीलंका की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया.’’ 







विक्रमसिंघे ने बुधवार को क्यूई के साथ अपनी बैठक के दौरान कहा कि देशों को उकसावे की किसी ऐसी स्थिति से बचना चाहिए जिससे मौजूदा वैश्विक तनाव और बढे. उन्होंने यह भी कहा ‘‘आपसी सम्मान और देशों के आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप शांतिपूर्ण सहयोग और गैर-टकराव के लिए महत्वपूर्ण आधार हैं.’’ 


श्रीलंका को चुकाना है चीन का कर्ज
गौरतबल है कि श्रीलंका 1948 में आजादी के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट (Economic Crisis) का सामना कर रहा है. श्रीलंका को चीन का बहुत सारा कर्ज चुकाना है.


चीन करेगा ताइवान के करीब सैन्य अभ्यास
पेलोसी ने अपने दौरे के दौरान ताइवान के लिए अमेरिका के मजबूत समर्थन की पुष्टि की है. वहीं दूसरी तरफ पेलोसी के दौरे के बाद चीन ने कहा है कि वह जवाबी कार्रवाई में ताइवान के करीब सैन्य अभ्यास (Military Exercises) करेगा. इस बीच चीनी विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) ने दोहराया है कि दुनिया में केवल एक चीन है और ताइवान देश के क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है.


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