Srilanka Crisis: 'मुझे तानाशाह कहें लेकिन...', श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की प्रदर्शनकारियों को चेतावनी
Srilanka News: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को कहा कि प्रदर्शनकारी भले ही मुझे 'तानाशाह' कहें, लेकिन बिना पुलिस परमिशन के कोई प्रोटेस्ट नहीं होना चाहिए.
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Srilanka: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने बुधवार को समय से पहले संसदीय चुनाव कराने की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि मैं समय से पहले संसदीय चुनाव नहीं कराऊंगा और अगर सत्ता बदलने के लिए निकट भविष्य में किसी प्रकार के प्रदर्शन किए गए, तो सरकार विरोधी प्रदर्शन को कुचलने के लिए सेना बुलाऊंगा.
विक्रमसिंघे (73) ने इस साल जुलाई में श्रीलंका के राष्ट्रपति का पदभार संभाला था. इससे पहले तत्कालीन राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे आर्थिक संकट के मद्देनजर भड़के जनाक्रोश तथा विरोध प्रदर्शनों के बीच देश छोड़कर चले गए थे. श्रीलंका 1948 के बाद सबसे बदतर आर्थिक संकट से जूझ रहा है.
बुधवार को संसद में राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि मैं संसद को तब तक जल्दी भंग नहीं करूंगा जब तक कि आर्थिक संकट का समाधान नहीं हो जाता. विक्रमसिंघे के पास राजपक्षे के बाकी कार्यकाल को पूरा करने का जनादेश है, जो नवंबर 2024 में समाप्त हो रहा है. हालांकि, विपक्षी दल जल्दी संसदीय चुनाव की मांग कर रहे हैं, उनका दावा है कि विक्रमसिंघे की सरकार में चुनावी विश्वसनीयता की कमी है.
पुलिस के परमिशन के बिना कोई प्रोटेस्ट नहीं होना चाहिए
उन्होंने आगे स्पष्ट तौर पर कहा कि प्रदर्शनकारी भले ही मुझे 'तानाशाह' कहें, लेकिन बिना पुलिस के परमिशन के बिना कोई प्रोटेस्ट नहीं होना चाहिए. सरकार को बेदखल करने के लिए एक और ‘अरागालय' (सामूहिक विरोध प्रदर्शन) आयोजित करने की योजना है. मैं इसकी अनुमति नहीं दूंगा. अगर वे दोबारा कोशिश करते हैं, तो मैं उन्हें रोकने के लिए सेना बुलाउंगा और आपातकालीन कानूनों का इस्तेमाल करूंगा.
विक्रमसिंघे ने कहा कि सड़कों पर हुए प्रदर्शनों के पीछे फ्रंटलाइन सोशलिस्ट पार्टी नाम की कट्टरपंथी राजनीतिक पार्टी थी जो अपने राजनीतिक उद्देश्यों को प्राप्त करना चाहती थी. इस दौरान उन्होंने भारत का जिक्र करते हुए कहा कि आर्थिक संकट से निपटने में भारत ने श्रीलंका की मदद की है और उसे चार अरब डॉलर की सहायता दी है.
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