Sri Lanka Economic Crisis: 'बिजली नहीं है, खाना नहीं है, लोग तड़प रहे हैं', तुर्की से घूमने आई महिला ने बताए श्रीलंका के हालात
Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका में आर्थिक हालात बद से बदतर हो चुके हैं. लोगों दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं. जरूरी सामान के लिए भी हजारों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं.
श्रीलंका में आर्थिक हालात बद से बदतर हो चुके हैं. लोगों दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं. जरूरी सामान के लिए भी हजारों रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. देश की राजधानी कोलंबो में लोग सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि जब तक सरकार को उखाड़ नहीं फेंकेंगे, तब तक यह प्रदर्शन खत्म नहीं होगा. हम यहां महीनों, वर्षों तक रहेंगे. यह किसी एक परिवार की बात नहीं बल्कि भ्रष्ट सिस्टम की बात है. एक प्रदर्शनकारी ने कहा, यह नई पीढ़ी है, जो यहां विरोध कर रही है, हम आजादी के बाद से पिछले 74 वर्षों में सभी राजनीतिक गलतियों के लिए जवाबदेही चाहते हैं.
श्रीलंका के हालात पर विदेश से वहां घूमने आई एक महिला ने भी बात की. तुर्की से श्रीलंका घूमने आई माया ने बताया कि वहां हालात बेहद शर्मनाक हैं. श्रीलंका के लोग तड़प रहे हैं. माया ने कहा, मैं इन लोगों को सपोर्ट करके खुश हूं. लोगों की ताकत का कोई अंत नहीं है. मैं यहां टूरिस्ट वीजा पर आई हूं लेकिन स्थिति बेहद शर्मनाक है. यहां बिजली नहीं है, खाना नहीं है. श्रीलंका के लोग तड़प रहे हैं. ये परेशान होंगे तो हमें भी परेशानी होगी. इस देश के साथ बेहतर होना चाहिए.
People in Colombo continue to protest against Sri Lanka govt as the country faces economic crisis
— ANI (@ANI) April 11, 2022
"This protest will not end until this govt is brought down. We will stay here for months, years. It's not about a single-family but the entire corrupt system," says a protester pic.twitter.com/Tqvp3IFG7q
श्रीलंका में आर्थिक संकट से निपटने के लिए सर्वदलीय अंतरिम सरकार बनाने के प्रयास सफल नहीं हो सके. इस संबंध में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और उनके सत्तारूढ़ श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) गठबंधन के निर्दलीय सांसदों के साथ हुई बातचीत बेनतीजा रही. श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने 11 पार्टियों के गठबंधन को देश की खराब आर्थिक स्थिति पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया था, जिसमें 42 निर्दलीय सांसद हैं.
उन्होंने और 41 अन्य ने पिछले सप्ताह सत्तारूढ़ गठबंधन से अलग होने की घोषणा की थी, लेकिन विपक्ष में शामिल होने से इनकार कर दिया था. निर्दलीय समूह के एक अन्य सदस्य अनुरा यापा ने राजपक्षे के साथ बैठक से पहले कहा था कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना की उपस्थिति में मुख्य विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा से मुलाकात की थी.
सरकारी सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल के शेष 26 सदस्यों की नियुक्ति में और देरी होगी. पिछले सप्ताह पूरे मंत्रिमंडल ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद राजपक्षे ने केवल चार मंत्रियों को नियुक्त किया है. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया जब श्रीलंका वर्ष 1948 में ब्रिटेन से आजाद होने के बाद से सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि 13 और 14 अप्रैल को राष्ट्रीय नव वर्ष का जश्न मनाने के लिए लोग राजधानी कोलंबो के बाहरी इलाकों में एकत्रित होंगे.
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