Israel Palestine Conflict: इजराइल पर हमास के हमले के बाद फिलिस्तीन-इजराइल इलाके में हिंसा की नई लपटें उठने लगी हैं. आकंड़ों के मुताबिक अब तक इजराइल में कम से कम 300 लोगों की मौत हुई है जबकि 1590 लोग घायल हुए हैं. वहीं हमास के कब्जे वाले गाजा पट्टी इलाके में 232 मौतें हुई हैं और 1790 लोग घायल हुए हैं. शनिवार को जब इजराइल-हमास के बीच संघर्ष की शुरूआत हुई तब कई देशों के प्रमुख इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी, लेकिन मुस्लिम देशों के बयानों ने सबका ध्यान खींचा. 


मुस्लिम देशों ने क्या कहा?


इजराइल में हमास के हमले के बाद सबसे पहले सऊदी अरब की प्रतिक्रिया सामने आई. सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की. उन्होंने कहा कि वे फिलिस्तीनी गुटों और इजरायली कब्जे वाले इलाके की वजह से हो रही हिंसा के अलग-अलग मोर्चों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. सऊदी अरब ने कहा, "हम इजराइल को लगातार कब्जे, फिलिस्तीनियों के उनके 'वैध' अधिकारों से वंचित करने को देखते हुए हालिया स्थिति को लेकर चेतावनी देते रहे हैं."


तुर्किए के विदेश मंत्री हकन फिदन ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के बीच कई मुस्लिम देशों से चर्चा की. विदेश मंत्री ने कहा कि वह इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष को कम करने को कोशिश करेंगे. 


तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैयप अर्दोआन ने दोनों देशों से संयम बरतने को कहा था और किसी भी पक्ष के मौत की कड़ी निंदा की थी. तुर्किए के विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम इस बात पर जोर देते हैं कि हिंसा की घटनाओं से किसी को फायदा नहीं होता."


मंत्रालय ने कहा, "तुर्किए ने हमेशा मदद देने के लिए तैयार है ताकि मामला यहीं थम जाए. हम इस संबंध में दोनों पक्षों से संपर्क में हैं. तुर्किए और इजरायल के रिश्ते अतीत में कुछ अच्छे नहीं रहे हैं, क्योंकि तुर्किए हमेशा फिलिस्तीन का समर्थन करता आया है, इसके अलावा तुर्किए हमास को आतंकवादी समूह मानने से भी इनकार करता रहा है." 


गौरतलब है कि तुर्की और इजरायल ने चार साल तक राजनयिक तनाव के बाद रिश्ते बहाल किए थे. फिलिस्तीन मुद्दे पर तुर्किए हमेशा इजराइल पर हावी रहा है. 


ईरान का रुख?


ईरान और इजराइल के संबंध अब तक कभी अपने अच्छे दौर में नहीं रहे हैं. आईएएनएस न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, ईरान के सुप्रीम लीडर आयातुल्लाह अली खामेनेई के सलाहकार रहीम सफवी ने हमास के हमले का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, "हम फिलिस्तीनी लड़ाकों को बधाई देते हैं. येरूशलम और फिलिस्तीन की आजादी तक हम फिलिस्तीनी लड़ाकों के साथ हैं."


संयुक्त राज्य अमीरात समेत बाकी मुस्लिम देश क्या कहते हैं?


संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्रालय ने इजराइल फिलिस्तीन के बीच हिंसक तनाव को रोकने की अपील की है. संयुक्त अरब अमीरात ने कहा, हम हिंसा के गंभीर परिणामों से बचने के लिए संयम बरतने की अपील करते हैं और तत्काल युद्ध विराम की अपील करते हैं. 


पाकिस्तान ने भी इजरायल फिलिस्तीन पर प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तानी कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने इजराइल-फिलिस्तीन में बढ़ती हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने 'फिलिस्तीन के सवाल' को लेकर भी जोर दिया और इसकी जरूरत को रेखांकित किया है. 


उन्होंने कहा, "हम संयम बरतने और नागरिकों की सुरक्षा की गुजारिश करते हैं. मध्य पूर्व में स्थायी शांति एक व्यवहार्य, संप्रभु फिलिस्तीन राज्य के साथ दो राज्य समाधान में निहित है, जिसकी स्थापना 1967 से पहले की सीमाओं पर की गई थी, जिसके केंद्र में अल कुद्स अल-शरीफ थे."


अरब लीग के प्रमुख अहमद अबुल घेत ने गाजा में सैन्य अभियानों को तत्काल रोकने का आह्वान किया. कुवैत ने इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच हालिया घटनाक्रम पर अपनी "गंभीर चिंता" जाहिर की है. कुवैत ने हमलों के लिए इजरायल को दोषी ठहराया. 


यमन की राजधानी सना पर नियंत्रण रखने वाले हूती विद्रोहियों ने कहा कि वे 'वीर जिहादी अभियान' का समर्थन करते हैं. उनका संदर्भ हमास की ओर से किए जाने वाले औचक हमलों से था.


एसएबीए समाचार एजेंसी की वेबसाइट पर छपे एक बयान में समूह ने कहा कि हमले ने इजरायल की "कमजोरी, नाजुकता और नपुंसकता को उजागर किया है. हूती विद्रोहियों ने हमास के ऑपरेशन को "गरिमा, गर्व और रक्षा की लड़ाई" कहा है. 


मिस्र के विदेश मंत्रालय ने संघर्ष पर गहरी चिंता जाहिर की है. इसके साथ ही मंत्रालय ने आह्लान किया है कि आने वाले समय में किसी भी तरह की हताहतों से परहेज किया जाना चाहिए. कतर ने इजरायल को हमले के लिए अकेले जिम्मेदार बताया है. हालांकि कतर ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील भी की है. 


मोरक्को के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, "मोरक्को साम्राज्य गाजा पट्टी में बिगड़ती स्थिति और सैन्य कार्रवाई पर गहरा शोक जाहिर करता है. मंत्रालय ने कहा, "हम नागरिकों के खिलाफ हमले की निंदा करते हैं, चाहे वह किसी पक्ष की ओर से किया गया हो."


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