Universe Study: वैज्ञानिक लंबे समय से ब्रह्मांड की उत्पत्ति को लेकर खोज कर रहे हैं. इसी क्रम में सुपरकंप्यूटर के जरिये ब्रह्मांड के अनुकरण मॉडल वाली ASTRID नामक हाई रिजॉल्यूशन तकनीक का इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि 11 अरब साल पहले एक दुर्लभ खगोलीय घटना हुई होगी. इसमें तीन ब्लैक होल वाली एक दुर्लभ आकाशगंगा बनी होगी. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह आकाशगंगा ब्रह्मांड में सबसे भारी चीज होगी और इसने सबसे बड़े ब्लैक होल को जन्म दिया होगा.


लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक, हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स में पोस्टडॉक्टरल फेलो और संबंधित शोध के लेखक यूयिंग नी (Yueying Ni) ने बताया कि लगभग 11 अरब साल पहले जब आकाशगंगाएं और सुपरमैसिव ब्लैक होल अपनी चरम गतिविधि पर पहुंचे होंगे, तब ब्रह्मांडीय दोपहर में एक बहुत ही दुर्लभ प्रणाली बनी होगी जिसमें तीन क्वासर शामिल रहे होंगे.


क्या होता है क्वासर?


क्वासर को जानने के लिए ब्लैक होल के बारे में समझना जरूरी है. दरअसल, ब्लैक होल ब्रह्मांड में ऐसी जगह है जहां केवल अंधेरा होता है. यह अपने आसपास की चीजों को निगलता जाता है या कह लीजिए कि वे इसमें समाती जाती हैं. ब्लैक होल के भी कई प्रकार होते हैं, इनमें सुपरमेसिव ब्लैक होल और अल्ट्रा मेसिव ब्लैक होल शामिल हैं. अल्ट्रामेसिव ब्लैक होल सबसे बड़े होते हैं. अल्ट्रमेसिव ब्लैक होल का द्रव्यमान 10 अरब सूरज से ज्यादा होता है. मिल्की वे जैसी आकाशगंगाओं के केंद्र में पाए जाने वाले सुपर मेसिव ब्लैक होल के मुकाबले यह कहीं ज्यादा बड़ा होता है.


ब्रह्मांड में सभी आकाशगंगाओं के केंद्र में ब्लैक होल होता है. वहीं, एक क्वासर में कई सारे ब्लैक होल होते हैं. क्वासर को एक ऐसे मंच के रूप में जाना जाता है जो आकाशगंगाओं के विकास में प्रतिनिधित्व करता है. क्वासर असाधारण रूप से बड़ी मात्रा में ऊर्जा उत्सर्जित करता है यानी छोड़ता है. आमतौर पर टेलीस्कोप से यह एक तारे जैसा मालूम होता है.


ऐसे बना होगा सूरज से 300 अरब गुना बड़ा ब्लैक होल


वैज्ञानिकों के अध्ययन में सामने आया कि संभवतः 150 मिलियन (150,000,000) वर्षों के दौरान तीन क्वासर प्रणालियों का विलय हुआ होगा जिसने सूरज से 300 अरब गुना बड़े ब्लैक होल को जन्म दिया होगा. इससे यह भी पता चलता है कि सुपरमैसिव ब्लैक होल की ढेरों विलय की घटनाओं के कारण अल्ट्रामैसिव ब्लैक होल का संभावित गठन हुआ होगा. वैज्ञानिकों के अनुसार तीन क्वासर वाले सिस्टम की दुर्लभता से वास्तविक ब्रह्मांड में अल्ट्रामेसिव ब्लैक होल के रहस्यों का पता लगाया जा सकता है. अध्ययन में लगी वैज्ञानिकों की ब्रह्मांड के और भी रहस्य पता करने की कोशिश कर रही है. बता दें कि यह शोध 30 नवंबर, 2022 को द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित हुआ था.


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