कोरोना से बचाने के साथ साथ वायरस ट्रांसमिशन भी रोकती है ऑक्सफोर्ड वैक्सीन, नई स्टडी में खुलासा
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक स्टडी में सामने आया है कोरोना वैक्सीन से वायरस का ट्रांसमिशन कम किया जा सकता है. ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका के शोधकर्ताओं ने पाया कि वैक्सीन लगभग दो-तिहाई तक ट्रांसमिशन कम कर सकती है. हालांकि विशेषज्ञों ने डेटा के और अधिक एनालिसिस की जरूरत बताई है.
एक नई स्टडी में सामने आया है कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका की ओर से डेवलप की गई वैक्सीन न केवल लोगों को मृत्यु से बचाती है, बल्कि वायरस के ट्रांसमिशन को भी कम करती है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की स्टडी में यह पता चला है कि कोई भी कोरोना वैक्सीन, वायरस के ट्रांसमिशन को कम कर सकती है.
दो-तिहाई तक ट्रांसमिशन कम होने का दावा शोधकर्ताओं ने वायरस के ट्रांसमिशन पर इफेक्ट का पता लगाने के लिए हर हफ्ते स्टडी शामिल लोगों स्वाब की जांच की. उन्होने पाया कि वैक्सीन लेने के बाद भले ही कोई संक्रमित हो लेकिन इससे वायरस नहीं फैल सकता और वैक्सीन लेने लोगों में पॉजिटिव स्वाब में 67 प्रतिशत की कमी पाई गई. ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका शोधकर्ताओं ने पाया कि वैक्सीन लगभग दो-तिहाई तक ट्रांसमिशन कम कर सकती है. हालांकि रिसर्च के रिजल्ट को अभी विशेषज्ञों ने रिव्यू नहीं किया है.
ब्रिटिश स्वास्थ्य सचिव ने रिजल्ट को बताया उत्साहजनक ब्रिटिश स्वास्थ्य सचिव, मैट हैनकॉक ने बुधवार को रिजल्टस की सराहना की. उन्होंने कहा कि "हम अब जानते हैं कि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन भी ट्रांसमिशन को कम करता है और इससे हम सभी को इस महामारी से बाहर निकलने में मदद मिलेगी," उन्होंने कहा, "सभी को यह विश्वास दिलाना चाहिए कि यह न केवल आपको सुरक्षित रखने का काम करता है, बल्कि दूसरों में वायरस को फैलने से भी रोकता है"
वैज्ञानिकों ने डेटा के और अधिक एनालिसिस पर दिया जोर वहीं, इस स्टडी के रिजल्ट में जारी की गई सीमित इंफोर्मेशन को लेकर कुछ वैज्ञानिकों ने आगाह करते हुए डेटा के और अधिक विश्लेषण जरूतत बताई है. ब्रिटिश सोसाइटी ऑफ इम्यूनोलॉजी के चीफ एक्जीक्यूटिव डॉ. डौउग ब्राउन ने कहा, "हालांकि यह अत्यंत स्वागत योग्य खबर होगी, लेकिन इसकी पुष्टि से पहले हमें और अधिक डेटा की आवश्यकता है. इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि वैक्सीन लेने के बाद भी हम सभी को अभी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते रहें"
वैक्सीन का सिंगल डोज 76 प्रतिशत प्रभावी ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका के शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि कोविड -19 को रोकने के लिए वैक्सीन का सिंगल डोज 76 प्रतिशत प्रभावी था. पहला शॉट दिए जाने के तीन महीने बाद डेटा को मापा गया, जिसमें तीन सप्ताह की शुरुआती अवधि शामिल नहीं थी. इन रिजल्ट्स से ब्रिटेन और दूसरे देशों की ज्यादा लोगों को पहला डोज देने की रणनीति में मदद मिल सकती है.
यह भी पढ़ें- UK Corona Update: पिछले 24 घंटे में 19 हजार से ज्यादा मामले आए सामने, 1 हजार लोगों की मौत