Sudan: सूडान में आदिवासियों के बीच खूनी संघर्ष में 200 की मौत, हजारों लोगों ने किया पलायन
Tribal Clashes In Southern Province: मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. पिछले हफ्ते इलाके में नए सिरे से झड़पें शुरू हुईं और 13 और लोग मारे गए.
Sudan Tribal Clashes: सूडान (Sudan) में पिछले दो दिनों के भीतर जातीय संघर्ष (Tribal Clash) में 200 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है. दक्षिणी सूडान में गुरुवार (20 अक्टूबर) की रात को यहां के ब्लू नाइल प्रांत (Blue Nile Province) में दो आदिवासी गुटों के बीच खूनी संघर्ष की शुरुआत हुई. इस खूनी संघर्ष में मौत का आंकड़ा बढ़कर अब 200 के पार पहुंच गया है. लाख कोशिशों के बावजूद दोनों ही गुट किसी भी कीमत पर इस संघर्ष को खत्म करने के लिए राजी नहीं हैं. ऐसा माना जा रहा है कि अगर यह लड़ाई इसी प्रकार आगे भी चलती रही तो कई और लोगों को अपनी जान से हाथ धोना बैठ सकता है.
पहले ही जा चुकी 150 लोगों की जान
सूडान के ब्लू नाइल प्रांत में पिछले कुछ दिनों से इस प्रकारी की जातीय हिंसा के कई मामले सामने आ चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के समन्वय दफ्तर के अनुसार, इससे पहले भी इसी प्रकार की हिंसा में अक्टूबर की शुरुआत में 150 लोग मारे गए थे, जबकि बीते सप्ताह शुरू संघर्ष में 50 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबरें पहले ही आ चुकी थीं. हांलाकि सेना और प्रशासन के लोग इस हिंसा को रोकने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है.
इस जातीय हिंसा में सबसे अधिक बच्चों और महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा प्रभावित इलाके से कम से कम 2000 लोग पलायन कर चुके हैं. संघर्ष को कम करने की कोशिश करने के लिए इलाके में आर्मी को तैनात किया गया है. मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. पिछले हफ्ते इलाके में नए सिरे से झड़पें शुरू हुईं और 13 अन्य लोग मारे गए.
संघर्ष की वजह
सूडान में जुलाई के महीने में जातीय झड़पें शुरू हुईं तो इसकी मुख्य वजह भूमि विवाद को बताया गया. इस संघर्ष में पश्चिम अफ्रीका में मूल के साथ होसा जनजाति और बर्टा लोग शामिल थे. दोनों ही गुट एक-दूसरे पर संघर्ष को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहे हैं. ब्लू नाइल प्रांत में दर्जनों विभिन्न जातीय गुटों के घर हैं, जहां भड़ाकऊ भाषण और नस्लवाद जैसी टिप्पणियां सालों से आदिवासी गुटों के बीच तनावा का कारण बनती रही हैं.
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