Sudan Internet Outage: संघर्ष प्रभावित सूडान में इंटरनेट ठप पड़ने की रिपोर्ट सामने आई है. सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल के बीच संघर्ष चल रहा है, जिसकी वजह से अब तक सैकड़ों लोगों जानें गई हैं और हजारों लोग घायल हुए हैं. 


सूडान ऑर्म्ड फोर्सेज (SAF) और पैरामिलिट्री ग्रुप रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) ने 72 घंटे के संघर्षविराम की घोषणा की थी, बावजूद इसके रविवार को लड़ाई जारी रही. अलजजीरा ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि लड़ाई के चलते रविवार (23 अप्रैल) को पूरे सूडान में लगभग पूरी तरह से इंटरनेट ठप पड़ गया.


सूडान में क्यों छिड़ा है संघर्ष?


गौरतलब है कि इसी महीने 15 अप्रैल को सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच संघर्ष शुरू हुआ था. इस पूर्वोत्तर अफ्रीकी देश से सामने आई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि सेना प्रमुख जनरल अब्देल फतह अल बुरहान और आरएसएफ प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान डगलो की महत्वाकांक्षाओं के चलते देश में संघर्ष छिड़ा हुआ है. 


हफ्तों के तनाव के बाद दोनों- सेना और आरएसएफ के बीच संघर्ष छिड़ गया था. पहले सेना और आरएसएफ दोनों सहयोगी रहे हैं और 2021 के तख्तापलट में उन्होंने देश पर कब्जा कर लिया था. हाल में सेना में आरएसएफ के प्रस्तावित एकीकरण को लेकर तनाव बढ़ गया था. 


बड़ा सवाल यह है कि कौन किसके नियंत्रण में है और एकीकरण की अवधि के दौरान सेना का कमांडर-इन-चीफ कौन होगा. विश्लेषकों की मानें तो सूडान की मौजूदा स्थिति देश पर नियंत्रण के लिए एक शक्ति संघर्ष है. ज्यादातर लड़ाई राजधानी खार्तूम में हो रही है और पहले तीन दिनों में कम से कम 185 लोग मारे गए थे जबकि हजारों लोग जख्मी हुए. 


भारत समेत कई देशों के लोगों को सूडान से निकाला गया


सूडान में छिड़े संघर्ष के बीच कई देशों ने अपने नागरिकों को वहां से सुरक्षित निकालने का अभियान शुरू किया है. शनिवार (22 अप्रैल) को भारत और सऊदी अरब समेत 13 देशों के लोग सूडान से सुरक्षित निकाले गए. सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी थी. 


सऊदी अरब के अनुसार 150 से ज्यादा लोगों को निकालकर जेद्दाह पहुंचाया गया. लोगों को जहाज के जरिये जेद्दाह पहुंचाया गया. सऊदी के 91 तो भारत समेत अन्य देशों के 66 लोग निकाले गए थे. फ्रांस भी अपने लोगों को वहां से निकाल रहा है. ब्रिटेन ने अपने राजनयिकों और उनके परिवारों को सूडान से निकाल लिया है. जिन देशों के भी लोग वहां संघर्ष के बीच फंसे हैं, उनकी निकासी के अभियान चल रहे हैं.


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