China: बीजिंग में सोलोमन द्वीप के राजदूत की अचानक मौत, अब तक 5 विदेशी राजनयिकों की जा चुकी है जान
John Moffat Fugui Death: बीजिंग में 2 साल में अब तक पांच राजनयिकों की मौत हो चुकी है. सोलोमन के विदेश विभाग के अलावा वाणिज्य विभाग की ओर से भी उनके निधन की पुष्टि करते हुए एक नोटिस जारी किया गया है.
John Moffat Fugui: चीन (China) में सोलोमन द्वीप (Solomon Islands) के राजदूत जॉन मोफत फुगुई (John Moffat Fugui) का 61 साल की उम्र में निधन हो गया है. शुक्रवार को इस बात की जानकारी सोलोमन के विदेश विभाग (Solomon’s Foreign Department) ने दी. फुगुई चीन में मरने वाले पांचवें विदेशी राजनयिक हैं. राजधानी बीजिंग में पिछले दो साल में अब तक पांच राजनयिकों (Ambassadors) की मौत हो चुकी है. सोलोमन के विदेश विभाग के अलावा वाणिज्य विभाग की ओर से भी उनके निधन की पुष्टि करते हुए एक नोटिस जारी किया गया है. फुगुई का निधन (Death of Fugui) गुरुवार को हुआ था. उनकी मौत की वजह का पता अभी तक नहीं चल पाया है.
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, फुगुई के आकस्मिक निधन के बाद पांच साल के द्विपक्षीय समझौते पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इससे ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका खास तौर पर चिंतित हैं. फुगुई से पहले यूक्रेन के राजदूत 65 वर्षीय सेरही काम्यशेव का फरवरी 2021 में निधन हो गया था. काम्यशेव बीजिंग में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक के स्थल का निरीक्षण कर लौटे थे. इसके अलावा जर्मनी के 54 साल के जान हेके की भी सितंबर 2021 में बीजिंग में मौत हुई थी. हेके तब चांसलर एंजेला मर्केल की विदेश नीति सलाहकार थीं, राजदूत का पद संभालने के दो हफ्ते बाद ही उनका निधन हो गया था.
3 दशकों के बाद खत्म हुआ थी ताइवान की मान्यता
फिलीपीन के पत्रकार से राजनयिक बने 74 वर्षीय जोस सैंटियागो 'चिटो' स्टा रोमन की अप्रैल 2022 में अनहुई प्रांत में क्वारंटीन रहने के दौरान मौत हो गई थी. फिर अगस्त में, म्यांमार के मिशन के प्रमुख यू मायो थांट पे की युन्नान प्रांत की प्रांतीय राजधानी कुनमिंग में मृत्यु हो गई. फुगुई मई 2021 में चीन में सोलोमन द्वीप के पहले राजदूत बने, जब उनके देश ने सितंबर 2019 में 'वन चाइना' नीति के तहत ताइपे से बीजिंग को राजनयिक मान्यता हस्तांतरित की थी. इस फैसले के बाद तीन दशकों तक चले ताइवान के साथ सोलोमन द्वीप के रिश्ते खत्म हो गए.
इस साल चीन पहुंचे थे जॉन मोफत फुगुई
अप्रैल 2022 में चीन और सोलोमन द्वीप समूह (Solomon Islands) के बीच एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. जिसके बाद जॉन मोफत फुगुई (John Moffat Fugui) चीन पहुंचे थे. इस समझौते के बाद अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया चिंतित हो गए थे. उन्हें चिंता थी कि समझौते के बाद चीन पैसिफिक एरिया में अपना सैन्य प्रभाव बढ़ा सकता है. अपने कार्यकाल के दौरान फुगुई ने सोलोमन की राजधानी होनियारा (Honiyara) से चीन के कई शहरों के लिए सीधी उड़ानें (Flight) शुरू कीं. उसने अनेक प्रकार के निर्यातों को बढ़ावा दिया. साथ ही सौर ऊर्जा (Solar Energy) से लेकर चीनी निवेश और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए भी काफी काम किया था.
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