ढाका: बांग्लादेश में बड़े सूफी गुरु फरहद हुसैन चौधरी और उनकी गोद ली हुई नाबालिग बेटी की हत्या कर दी गई है. अभी तक ये खुलासा नहीं हुआ है कि हत्या किसने और क्यों की.


घटना राजधानी ढाका से 350 किलोमीटर दूर दिनाजपुर जिले की है. हथियारबंद लोगों ने गोली मारने के बाद दोनों का गला भी काट दिया. कुछ साल पहले तक चौधरी मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी के स्थानीय नेता थे. वो राजनीति छोड़कर सूफी संत बन गए थे और एक दरगाह के प्रमुख थे.


बांग्लादेश में आतंकवादी हमलों की जिम्मेदारी लेने के लिए अलकायदा और आईएस में होड़ रहती है लेकिन अभी तक किसी ने कोई दावा नहीं किया है.



परिजनों का मानना है कि हत्या के पीछे धार्मिक कारण नहीं होंगे. उनके मुताबिक वो एक सदाचारी थे और संभव है कुछ लोगों को उनके धार्मिक कार्य पसंद ना हों. हत्या के पीछे कोई करीबी शख्स भी हो सकता है. जांच से सारे रहस्य खुल जाएंगे.


बांग्लादेश में धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगरों, बुद्धिजीवियों और विदेशियों पर हमले बढ़े हैं. पिछले साल ढाका के एक कैफे में आईएस ने 22 लोगों की हत्या कर दी गई थी.