Solar Activity: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सोलर स्टॉर्म को लेकर आगाह किया है और कहा है कि रविवार को संभव है सूर्य का प्लाजमा धरती की तरफ आएगा. एजेंसी ने बताया कि सूर्य में कई तरह की गतिविधियां देखी गई है जिसकी वजह से बड़ी मात्रा में गर्म प्लाजमा का उत्सर्जन देखा जा सकता है.
नासा ने कहा कि भू-चुंबकीय तूफान अरोरा (पृथ्वी की ध्रुवों पर दिखने वाली चमकीली आकाशीय रोशनी) को बढ़ा सकते हैं और इसका प्रभाव निचले अक्षांशों में दिखाई दे सकता हैं. रविवार को पृथ्वी की मैगनेटिक फील्ड से सूर्य से निकली कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई) टकरा सकती है.
क्या है कोरोनल मास इजेक्शन?
सूर्य में हर वक्त लाखों विस्फोट होते रहते हैं, ये विस्फोट उसके मैग्नेटिक फील्ड के खिसकने की वजह से होती है. जब विस्फोट हो रहा होता है तब सूर्य पर मौजूद गर्म प्लाजमा पूरे अंतरिक्ष में फैल जाती है, कई बार ये धरती की ओर भी आने लगती है. इस पूरी प्रक्रिया को कोरोनल मास इजेक्शन कहते हैं.
क्या हैं खतरे?
लेकिन पृथ्वी पर इसके ढेरों खतरे हैं. जब कोरोनल मास इजेक्शन धरती की तरफ आता है तो इससे संचार माध्यमों को सबसे ज्यादा खतरा होता है. क्योंकि सीएमई में ढेरों तरीके के एक्स-रे और रेडियेशन पार्टिकल्स शामिल होते हैं.
एक्स-रे और रेडियेशन पार्टिकल्स की वजह से पृथ्वी पर नेटवर्क टावर और शार्ट वेब रेडियो के संचार में बाधा का खतरा रहता है. अममून सीएमई धरती तक नहीं पहुंच पाती और अगर पहुंचती भी है तो उसका असर बहुत कमजोर होता है, लेकिन अतीत में कई ऐसे उदाहरण है जिसमें सीएमई की वजह से काफी नुकसान झेलना पड़ा था.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, पिछले साल 3 फरवरी 2022 को स्पेसएक्स के स्टारलिंक प्रोजेक्ट की 49 सैटेलाइट को एक साथ अंतरिक्ष में भेजा गया था. लेकिन सीएमई और सौर तूफानों की वजह से 40 सैटेलाइट को गंभीर नुकसान का सामना करना पड़ा था.
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