गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक के नए सीईओ सुंदर पिचाई को 240 मिलियन डॉलर का स्टॉक अवार्ड दिए जाने की घोषणा की गई है. हालांकि ये पैसे उन्हें अगले तीन साल में तब मिलेंगे जब वो अपने सभी टारगेट को पूरा कर लेंगे.


यही नहीं उन्हें साल 2020 की शुरुआत से दो मिलियन यानि 20 लाख डॉलर सालाना की सैलेरी भी दी जाएगी. और तो और अगर एस एंड पी 100 इन्डेक्स में अल्फाबेट का प्रदर्शन अच्छा रहता है तो पिचाई को 90 मिलियन डॉलर और भी मिलेंगे.


47 साल के पिचाई को पिछले महीने ही इस नौकरी के लिए चुना गया था जब गूगल के को-फाउंडर्स लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने अपने पदों को छोड़ दिया था. पिचाई को इससे पहले भी ऐसे भारी अवार्ड मिलते रहे हैं.


CAA को लेकर केंद्र सरकार पर बरसे राज ठाकरे, कहा आर्थिक मंदी से ध्यान हटाया गया


2016 में उन्हें ऐसे ही 200 मिलियन डॉलर का अवार्ड दिया गया था. पिछले साल उन्होंने ऐसे ही एक अवार्ड को लेने से इंकार कर दिया था. उन्होंने ये कहा था कि उन्हें पहले से ही काफी अच्छी सैलेरी मिल रही है.


पिचाई को 2018 में 19 लाख डॉलर का वेतन मिला था. 2004 में पिचाई गूगल से जुड़े थे और उन्होंने गूगल के कुछ काफी पॉपुलर प्रोडक्ट जीमेल, क्रोम ब्राउजर, और एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम किया है.


यूपी: नागरिकता कानून के खिलाफ हुई हिंसा में अभी तक 11 की मौत, 160 से अधिक गिरफ्तार


बता दें कि गूगल आज दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल है. 1998 में सिलिकॉन वैली (कैलिफ़ोर्निया) से इसने अपना सफर शुरू किया था.


कौन हैं सुंदर पिचाई?


सुंदर पिचाई गूगल के पॉपुलर ब्राउजर क्रोम और गूगल एंड्रायड टीम के लीडर रह चुके हैं. साल 2015 में उन्हें गूगल का सीईओ बनाया गया. 2016 में पिचाई के नेतृत्व में स्मार्टफोन्स, वर्चुअल रियलिटी हैडसेट, वॉयस कंट्रोल्ड स्मार्ट स्पीकर जैसे प्रोडक्ट्स ने गूगल को भारी प्रॉफिट दिया.


सुंदर पिचाई का पूरा नाम सुंदरराजन पिचाई है और भारत के मदुरै, तमिलनाडु में इनका जन्म 12 जुलाई 1972 को हुआ था. भारत में आईआईटी खड़गपुर से बीटेक और स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से एम एस करने के बाद इन्होंनें अमेरिका की पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री हासिल की. सुंदर पिचाई लंबे समय से बतौर गूगल में बतौर कर्मचारी काम किया और साल 2015 में गूगल के सीईओ का पद संभाला था.