SuperRich Leaving India China: दुनिया में हर साल लाखों लोग अपना देश छोड़कर दूसरे देश की शरण ले लेते हैं. लोगों का एक से दूसरे देश में बसना अमूमन किसी संकट के चलते होता है. मगर, भारत ऐसा देश है जहां गरीब और असहाय लोग तो दूसरे देशों से आकर यहां रहने को छटपटा रहे हैं, लेकिन जिन लोगों के पास अपार धन-दौलत है, वो देश छोड़ रहे हैं. सबसे अमीर लोगों वाले तबके को 'सुपर रिच' कहा जाता है, और भारत के 'सुपर रिच' से जुड़ी चिंताजनक खबर यह है कि ऐसे हजारों लोग दूसरे देशों में जाकर बस रहे हैं.


हेनले प्राइवेट वेल्‍थ माइग्रेशन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल भारत से 7500 'सुपर रिच' हमेशा के लिए देश छोड़कर दूसरे देशों में जा बसे थे. इतना ही नहीं, रिपोर्ट बताती है कि इस साल भी लगभग 6500 'सुपर रिच' भारतीय अपना देश छोड़ देंगे. यानी भारत के अमीरों का देश छोड़ने का सिलसिला तेजी से जारी है.





'सुपर रिच' का न होना देश के लिए ठीक नहीं
गौरतलब है कि 'सुपर रिच' आमतौर पर बिजनेस से जुड़े होते हैं और वे जहां के होते हैं उन्‍हें वहां सरकार को टैक्‍स पे करना होता है. उनके बिजनेस से देश की बेरोजगारी कम होती है, क्‍योंकि उन्‍हें काम करने वाले देश से ही आसानी से मिल जाते हैं. इसके अलावा 'सुपर रिच' के कारण बाजार की ग्रोथ भी तेजी से होती है. क्‍योंकि, वे अपने बिजनेस विभिन्‍न तरीकों से बढ़ाते रहते हैं. उनके देश छोड़ने से उन देशों की अर्थव्‍यवस्‍था कमजोर होती है. उनके चले जाने पर, उनकी नेटवर्थ या कमाई का आंकड़ा भी देश से अलग हो जाता है. ऐसे में यह भारत के लिए बड़ी चिंता की बात है.


आखिर क्‍यों भारत छोड़कर जा रहे 'सुपर रिच'?
'सुपर रिच' लोगों के देश छोड़ने की बड़ी वजह उनके मन में किसी सरकारी एजेंसी से कार्रवाई होने का डर होता है. ऐसा माना जाता है कि भारत के 'सुपर रिच' लोग अधिकतर ऐसे होते हैं जो बैंकों से हजारों करोड़ का लोन लेकर अमीर हुए, या फिर किसी काले धंधे के जरिए उनका कारोबार फला-फूला हो; तो ये डर रहता है कि कहीं पकड़े न जाएं. इसके अलावा कुछ अमीरों को देश की पॉलिसी ठीक नहीं लगतीं, कई को वातावरण ठीक नहीं लगता. ऐसे में वे उन देशों में जाते हैं जहां उन्‍हें दिक्‍कतें नहीं आएं.


'सुपर रिच' के लिए कौन से देश प्रायोरिटी में?
अपना देश छोड़कर दूसरे देशों में बसने के लिए 'सुपर रिच' की पहली पसंद ऑस्‍ट्रेलिया है. इस लिस्‍ट में यूएई दूसरे, सिंगापुर, तीसरे, अमेरिका चौथे और स्विटजरलैंड पांचवे नंबर पर है. 


हेनले प्राइवेट वेल्‍थ माइग्रेशन की रिपोर्ट बताती है कि सबसे ज्‍यादा चीन के 'सुपर रिच' देश छोड़ते हैं. इस साल वहां के 13500 लोग चीन छोड़ सकते हैं. भारत इस मामले में दूसरे और ब्रिटेन तीसरे नंबर पर है. 


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