बीजिंग: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद मूल मानवाधिकारों का दुश्मन है और आतंक के खिलाफ लड़ाई में ऐसे देशों की पहचान करने की भी जरूरत है जो उसे बढ़ावा, समर्थन, धन देते हैं और आतंकी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराते हैं. शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए सुषमा ने वैश्विक आतंकवाद और संरक्षणवाद का मुद्दा उठाया.
भारत, पाकिस्तान आधारित आतंक का शिकार रहा है और विदेश मंत्री के इस बयान को पाकिस्तान पर हमले के तौर पर देखा जा रहा है. खास बात ये रही कि पाक पर हमले के लिए उन्होंने इसके मित्र देश चीन के एससीओ जैसे प्लेटफॉर्म को चुना.
आपको बता दें कि इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान पाकिस्तान पर करारा हमाल किया था. उन्होंने इस दौरान सर्जिकल स्ट्राइक का भी ज़िक्र किया था. उन्होंने ये भी कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत ने पाकिस्तान को उसके आतंकियों का शरीर ले जाने को कहा था.
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विदेश मंत्री ने कहा कि आज दुनिया के सामने कई चुनौतियां हैं. सबसे बड़ी चुनौती वैश्विक आतंकवाद है और उससे लड़ने के लिए तुरंत मजबूत सुरक्षा ढांचा तैयार करने की जरूरत है. सुषमा ने कहा, ‘‘आतंकवाद मौलिक मानवाधिकारों...जीवन, शांति और समृद्धि (के अधिकार) का दुश्मन है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘संरक्षणवाद को उसके प्रत्येक रूप में खारिज किया जाना चाहिए और व्यापार के मार्ग में अवरोधक पैदा करने वाले तत्वों को नियंत्रित करने की कोशिश की जानी चाहिए.’’
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सुषमा ने कहा, ‘‘भारत एससीओ के साथ काम करते हुए आपसी आर्थिक और निवेश संबंधों को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारा मानना है कि आर्थिक वैश्विकरण ज्यादा खुला, समावेशी, समानतापरक और परस्पर हितों के लिए संतुलित होना चाहिए.’’