Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में कल शपथ लेगी अंतरिम सरकार! संविधान में नहीं है प्रावधान, चुनौतियों से भरी है राह
Muhammad Yunus: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार शपथ ग्रहण के लिए तैयार है. मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख चुना गया है, लेकिन उनके सामने संविधान के मुताबिक कई चुनौतियां हैं.
Bangladesh Crisis News: नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश नई अंतरिम सरकार स्थापित करने के लिए तैयार है. देश के सेना प्रमुख ने बुधवार (07 अगस्त) को बताया कि अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण गुरुवार (08 अगस्त) को होगा. 84 वर्षीय अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने अंतरिम सरकार के प्रमुख की कमान सौंपी है.
बांग्लादेश में हुए भारी विरोध प्रदर्शन के बाद अब अंतरिम सरकार नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस चलाएंगे. पेरिस में मीडिया से बात करते हुए मुहम्मद यूनुस बोले, 'घर वापस जाने और वहां के हालातों को करीब से देखने के लिए उत्सुक हूं. हमें देखना होगा कि बांग्लादेश जिस संकट से गुजर रहा है, उसके बीच हम देश को कैसे संगठित कर सकेंगे.'
अंतरिम सरकार के बारे में क्या कहता है संविधान?
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश के मौजूदा संविधान में अंतरिम सरकार के लिए किसी भी तरह का प्रावधान शामिल नहीं है. हालांकि, बांग्लादेश में पहले एक प्रावधान था जिसमें कार्यवाहक सरकार का जिक्र था. ढाका ट्रिब्यून की मानें तो 1996 में बांग्लादेश के संविधान में 13वां संशोधन पारित किया गया जिसमें निष्पक्ष आम चुनाव कराने और सत्ता हस्तांतरण के लिए कार्यवाहक सरकार के प्रावधानों को शामिल किया गया था.
संविधान के नए संशोधन में क्या?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश के संविधान में नए संशोधन में गैर पार्टी कार्यवाहक सरकार को जोड़ा गया है. नए संशोधन के बाद संविधान के भाग IV में अध्याय IIA में गैर-पार्टी कार्यवाहक सरकार को परिभाषित किया गया है. नए अनुच्छेद 58ए, 58बी, 58सी, 58डी और 58ई भी शामिल किए गए हैं.
बता दें कि ये नए अनुच्छेद, कार्यवाहक सरकार में मुख्य सलाहकार और अन्य सलाहकारों की नियुक्ति और कार्यकाल को बताते हैं. अहम ये है कि संविधान की इस प्रणाली का इस्तेमाल तीन चुनावों की देखरेख के लिए किया गया. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाहक सरकार प्रणाली को असंवैधानिक करार दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 30 जून, 2011 को अवामी लीग सरकार ने संविधान संशोधन के जरिए इसे निरस्त करने का काम किया.
कार्यवाहक सरकार को किया गया समाप्त
सुप्रीम कोर्ट के फैसले और सरकार के निर्णय के बाद 13 सितंबर, 2012 को बांग्लादेश में कार्यवाहक सरकार को औपचारिक रूप से समाप्त करने का फैसला लिया गया. मौजूदा संविधान के मुताबिक, सत्ता की बागडोर संभाल रही सरकार बांग्लादेश में अपने कार्यकाल के अंत में चुनाव कराती है और जीतने वाले दल को सत्ता सौंप दी जाती है.
कम नहीं हैं चुनौतियां
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में नई अंतरिम सरकार का शासन होगा. हालांकि, बांग्लादेश का संविधान कार्यवाहक सरकार का मार्गदर्शन नहीं करता. इस स्थिति में अंतरिम सरकार का गठन एक कानूनी दुविधा बन चुकी है. देखना दिलचस्प होगा कि इस कानूनी दुविधा का सामना मुहम्मद यूनुस कैसे करते हैं.