Sweden In NATO: स्वीडन में हाल ही में कुरान जलाने का मामला सामने आया था. स्वीडन को अब इस हरकत के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है. स्वीडन के नाटो में शामिल होने की प्रक्रिया रोक दी गई है. स्वीडन के विदेश मंत्री टोबियास बिलस्ट्रॉम ने रविवार (29 जनवरी) को यह जानकारी दी है. बिलस्ट्रॉम ने स्वीडन की मीडिया को बताया कि देश की नाटो में शामिल होने की प्रक्रिया रुक गई है.


बिलस्ट्रॉम ने स्वीडिश समाचार पत्र एक्सप्रेसन से बातचीत में स्वीकार किया कि तुर्की दूतावास के सामने कुरान जलाने और प्रदर्शन करने से नाटो में शामिल होने की प्रक्रिया जटिल हो गई है. तुर्की ने गुस्से में स्वीडन को शामिल कराने की प्रक्रिया रुकवा दी है. नए देशों को स्वीकार करने के लिए नाटो को अपने मौजूदा सदस्यों से सर्वसम्मत अनुमोदन की आवश्यकता होती है. इन सदसयों में तुर्की भी शामिल है. 


तुर्की ने दी थी खुली चेतावनी


समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, बिलस्ट्रॉम ने कहा, "इन घटनाओं का असर पड़ा है. इतनी बड़ी घटना के बाद स्वीडन विरोधी भावना कम होने में कुछ समय लग सकता है." इससे पहले तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने स्वीडन को चेतावनी दी कि इन घटनाओं के बाद अब नाटो में शामिल होने के लिए अंकारा के समर्थन की उसे उम्मीद नहीं करनी चाहिए.


कुरान जलाने से मामला उलझा


बता दें कि स्वीडन में तुर्की के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन के बीच कुरान की एक प्रति जलाई गई थी. जिसके बाद माहौल और तनावपूर्ण हो गया है. घटना के बाद तुर्की ने बड़ा एक्शन लेते हुए स्वीडन के डिफेंस मिनिस्टर की यात्रा का रद्द कर दी थी. इस घटना पर मीडिया से बात करते हुए तुर्की के डिफेंस मिनिस्टर मंत्री हुलुसी अकार ने कहा, "इस तरह की घटना पर चुप रहना ठीक नहीं है. हमने देखा कि तुर्की और हमारे राष्ट्रपति के खिलाफ जघन्य कृत्यों के विरुद्ध कोई उपाय नहीं किए गए."


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