Sweden Muslim Immigration: स्वीडन ने आप्रवासियों से देश छोड़ने के लिए कहा है. पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा के मुताबिक, खासतौर से मुस्लिम आप्रवासियों से कहा गया कि देश छोड़ने के लिए 34 हजार डॉलर दिए जाएंगे. स्वीडन ने घोषणा की है कि वह स्वेच्छा से अपने देश लौटने वाले अप्रवासियों को वित्तीय प्रोत्साहन में उल्लेखनीय वृद्धि करेगा.


यह नई पहल 2026 में शुरू होगी और अप्रवासियों को 350,000 स्वीडिश क्रोनर (लगभग 28.7 लाख रुपये) तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी. इस कदम का उद्देश्य अधिक से अधिक आप्रवासियों को उनके मूल देश वापस जाने के लिए प्रोत्साहित करना है. कभी "मानवीय महाशक्ति" के रूप में पहचान बनाने वाले स्कैंडिनेवियाई देश को कई नए लोगों को एकीकृत करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है.


अफगानिस्तान से लेकर ईरान तक से आए अप्रवासी बने चुनौती


एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवासन मंत्री जोहान फोर्सेल ने कहा, "जो प्रवासी 2026 के बाद स्वेच्छा से अपने देश लौटेंगे, वे 350,000 स्वीडिश क्रोनर ($ 34,000) पाने के पात्र होंगे." 1990 के दशक से देश ने पूर्व यूगोस्लाविया, सीरिया, अफ़गानिस्तान, सोमालिया, ईरान और इराक जैसे संघर्ष-ग्रस्त देशों से कई प्रवासियों का स्वागत किया है. कहा जाता है कि स्वीडन को अपने समाज में अप्रवासियों को एकीकृत करने में लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.



पाकिस्तानी कमर चीमा ने क्या कहा?


पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने कहा, “मुस्लिम अप्रावसियों ने स्वीडन में बहुत बुरे हालात कर दिए. सीरिया, अफगानिस्तान, ईरान और ईरान से जो मुस्लिम अप्रवासी वहां पहुंचे हैं, उसने वहां पर बहुत बड़े मसले पैदा कर दिए हैं. जर्मनी ने बॉर्डर सील करने के लिए कहा है. कुछ तो ये भी कह रहे हैं कि ये लोग 34 हजार डॉलर भी ले लेंगे और फिर से वापस पहुंच जाएंगे. मुसलमानों ने इन लोगों के साथ गलत किया. वहां जाकर गंदगी फैलाई. ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ स्वीडन में किया है, ये लोग जहां भी जाते हैं वहां ऐसा करते हैं.”


ये भी पढ़ें: Sweden Immigration : ये कैसा देश, कंट्री छोड़कर जाने के लिए खुद दे रहा पैसे, किराया भी मिलेगा