Swedish government to End decades old Dance Ban: स्वीडन इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है, देश की राजधानी में तुर्की दूतावास के बाहर कुरान की प्रतियां जलाई गईं हैं , जिसकी दुनिया भर के मुस्लिम देश आलोचना कर रहे हैं. इसी बीच अब स्वीडन की केंद्र-दक्षिण गठबंधन सरकार ने रेस्तरां, नाइटक्लब और अन्य स्थानों के लिए एक दशक पुराने नियम को बदलने का फैसला लिया है. जिसको लेकर नया प्रस्ताव पास किया गया है.
नए प्रस्ताव के अनुसार, डांस आयोजित करने के लिए जगहों को अब लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी. इसके बजाय, एक सामान्य नियम के रूप में, उन्हें केवल पुलिस के पास पंजीकरण कराना होगा, जो मौखिक रूप से किया जा सकता है और इसमें कुछ भी खर्च नहीं होगा. इससे पहले डांस बार या नाईट क्लब के लिए अलग से परमिट लेना पड़ता था.
गौरतलब है कि फिलहाल परमिट के लिए आवेदन करने पर प्रतिष्ठान का कम 700 क्रोनर ($67) का शुल्क लगता है. इसके साथ ही जांच के दौरान कुछ भी गलत पाए जाने पर लाइसेंस ख़त्म हो जाता है. न्याय मंत्री गुन्नार स्ट्रोमर ने एक सरकारी बयान में कहा कि डांस परमिट की आवश्यकता को हटाकर, हम नौकरशाही और उद्यमियों और नृत्य का आयोजन करने वाले अन्य लोगों के लिए लागत को भी कम करना चाहते हैं, इस वजह से यह प्रस्ताव पास किया गया है.
तुर्की और स्वीडन विवाद
तुर्की और स्वीडन के बीच विवाद जारी है. दरअसल, स्वीडन नेटो सैन्य गठबंधन में शामिल होना चाहता है और नेटो सदस्य तुर्की को यह मंजूर नहीं है. इसी बात को लेकर स्वीडन की राजधानी में तुर्की दूतावास के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन देखने को मिला. प्रदर्शन के दौरान कुरान की प्रतियां जलाई गयीं, जिसके बाद से माहौल तानावपूर्ण है. विवाद बढ़ता देख, स्वीडन के प्रधानमंत्री ने घटना पर माफ़ी भी मांगी है.
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