दमिश्क: सीरिया में हुए कथित रासायनिक हमले के जवाब में अमेरिका ने सीरिया पर हमला किया है. इस हमले में उसके साथ ब्रिटेन और फ्रांस भी शामिल हैं. सीरिया की सरकार ने अपने मिलिट्री बेस पर हुए पश्चिमी देशों के हमले की निंदा करते हुए इसे नृशंस और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने वाला बताया है. अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने सीरिया की राजधानी दमिश्क के आसपास और होम्स स्थित सैन्य ठिकानों पर शनिवार सुबह हमला किया. विदेश मंत्रालय ने बताया कि सीरियाई अरब रिपब्लिक ने सीरिया पर अमेरिकी, ब्रिटिश और फ्रांसीसी हमले की कड़ी निंदा की है. साथ ही इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने वाला बताया है.
बता दें कि दमिश्क में स्थानीय समयानुसार सुबह चार बजे विस्फोटों और विमानों की आवाज सुनी गई. सरकारी समाचार एजेंसी सना ने भी हमले की खबर दी, लेकिन यह भी कहा कि यह अपने मंसूबे में नाकाम रहने वाला है.
दमिश्क के बाहर एक शहर पर संदिग्ध रसायनिक हमले में 40 से अधिक लोगों के मारे जाने के हफ्ते भर बाद यह संयुक्त अभियान चलाया गया. रासायनिक हथियार निषेध संगठन (ओपीसीडब्ल्यू ) डाउमा के पूर्वी शहर घोउटा में शनिवार को अपनी जांच शुरू करने वाला था. सीरिया के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमलों का लक्ष्य इसके काम को रोकना है.
सना समाचार एजेंसी ने मंत्रालय के हवाले से बताया कि हमले का वक्त ओपीसीडब्ल्यू की टीम के सीरिया आने के वक्त का चुना गया है. इसने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने सीरिया पर करीब 110 मिसाइलें दागी लेकिन हवाई रक्षा प्रणाली ने उनमें से अधिकतर को नाकाम कर दिया. वहीं सीरियाई शासन के सहयोगी एवं लेबनानी आंदोलन हिजबुल्ला ने भी हमलों की निंदा करते हुए कहा कि वे अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएंगे.