HTS Takes Command on Syria: राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन के अचानक गिरने के बाद सीरिया का भविष्य अस्थिरता पर निर्भर करता है. कभी अजेय माने जाने वाले असद शासन को हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेतृत्व में सीरियाई विद्रोहियों ने जोरदार हमले करके ध्वस्त कर दिया है. हयार तहरीर अल-शाम पहले अल-नुसरा के नाम से जाना जाता था, जिसके अल-कायदा के साथ सीधे संबंध थे.
अपने पिता हाफिज अल-असद के लगभग तीन दशकों के मजबूत शासन के बाद साल 2000 में बशर अल-असद ने सीरिया के शासन को अपने हाथों में लिया था. बशर अल-असद के शासन की शुरुआत में लोगों में ये उम्मीदें थीं कि बशर सीरिया में सुधार, बदलाव और खुलापन लाएंगे. हालांकि बशर ने अपने पिता के दमनकारी शासन संरचना और उनके कठोर नीतियों और नियमों को बनाएं रखा. जिससे कि लोगों की ये उम्मीदें जल्दी ही टूट गईं.
बशर की विरासत पर 2011 के विरोध प्रदर्शनों का काला धब्बा
सीरिया के अपदस्थ पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद की प्रतिक्रिया के कारण उनके विरासत में 2011 में हुए विरोध प्रदर्शनों का काला धब्बा रहेगा. जो आगे चलकर एक खूनी गृहयुद्ध में बदल गया था. इन विरोध प्रदर्शनों के 5 लाख से ज्यादा लोग मारे गए, करीब 60 लाख लोग शरणार्थी बने और अनगिनत लोग विस्थापित हो गए.
युद्ध में व्यस्त थे रूस-ईरान, नहीं कर पाए असद की मदद
वर्तमान में रूस और ईरान अपने-अपने संघर्षों में व्यस्त हैं. जहां रूस यूक्रेन के साथ युद्ध में संघर्ष कर रहा है. वहीं, ईरान अपने क्षेत्रीय चुनौतियों का सामना कर रहा है. यही कारण है कि जिससे दोनों देश इस बेहद मुश्किल समय में असद को महत्वपूर्ण समर्थन नहीं दे पाए. इसी स्थिति का लाभ उठाते हुए विद्रोहियों ने कुछ ही दिनों में सीरिया के अलेप्पो, हमा और होम्स जैसे प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया और फिर दमिश्क की ओर बढ़ने लगे.
मोहम्मद अल-जलाली को सौंपा सीरिया की देखरेख का जिम्मा
विद्रोही गुट के नेता अबू मोहम्मद अल-गोलानी ने असद शासन का तख्तापलट करके एक संक्रमणकालीन सरकार के गठन की घोषणा की है. सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद अल-जलाली को राज्य संस्थाओं के देखरेख के लिए केयरटेकर नियुक्त किया गया है. वहीं, एक बयान में अल-जलाली ने सीरिया के लोगों के चुने गए किसी भी नेतृत्व के साथ सहयोग करने की बात कही है.
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