सीरिया में विद्रोहियों के हमले बने इजरायल की चिंता के कारण, रूस नहीं कर पा रहा मदद
Syria in Problem : सीरिया में विद्रोही अलेप्पो पर कब्जा करने के बाद अब और ताकत से आगे बढ़ रहे हैं. इसमें सीरिया को रूस की मदद नहीं मिल रही और ईरान से मदद लेनी पड़ रही है. जिससे इजरायल चिंता में है.
Israel-Lebanon War : इजरायल और लेबनान के बीच लंबे समय से जारी युद्ध में सीजफायर समझौता लागू हुआ है. इसी बीच विद्रोहियों के गुट ने सीरिया में अचानक लड़ाई शुरू कर दी है. जिसने इजरायल के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर दिया है. वहीं, इससे उसे नया अवसर भी मिला है. सबसे पहले इजरायल को लेकर खतरों की बात करें तो उत्तरी और मध्य सीरिया में स्थित हथियार प्रणालियां, जिनमें से मिसाइल और रसायनिक हथियार भी कुछ दिनों में विद्रोहियों के हाथ लग सकते हैं.
सीरिया के अलेप्पो शहर के साथ आसपास के क्षेत्रों में भी विद्रोही बढ़ते जा रहे हैं. जहां आसपास में कई सैन्य ठिकाने हैं. अलेप्पो के दक्षिण-पूर्व में अल-सफिरा शहर में इंडस्ट्रियल कॉम्प्लेक्स को बड़ा खतरा है. इस कॉम्प्लेक्स में ईरानी विशेषज्ञता के जरिए मिसाइल और रॉकेटों का निर्माण किया जाता है. इसके अलावा इसमें रसायनिक हथियार बनाने की क्षमता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ने इन हथियारों को जिहादियों के हाथों के जाने से रोकने के लिए सीरिया में एयर स्ट्राइक की है. हालांकि रूस ने सीरिया की पहले सहायता की है. लेकिन फिलहाल वह यूक्रेन के साथ युद्ध में व्यस्त है और इससे सीरिया के बशर अल-असद शासन को विद्रोहियों के साथ संघर्ष कर रहा है.
क्या है इजरायल की चिंता का कारण?
सीरिया के सेना इस्लामिक विद्रोहियों के साथ संघर्ष कर रही है और उसे बचाव के लिए रूस की मदद नहीं मिल पा रही है. जिसके कारण सीरिया को ईरान से सहायता लेने के लिए तैयार होना पड़ा है. इसके बाद ईरान ने बशर अल असद की मदद के लिए कमांडर, रिवोल्यूशनरी गार्ड्स और हिजबुल्लाह के लड़ाकों के साथ शिया मिलिशिया को सीरिया में तैनात किया है.
वहीं, सीरिया में लंबे समय तक ईरानी लड़ाकों की मौजूदगी इजरायल की सुरक्षा चिंताओं को और अधिक बढ़ा रही है. इजरायल को आशंका है कि कहीं इजरायली सीमा के जरिए ईरानी लड़ाके कहीं इजरायल पर हमला न कर दें. इसके अलावा एक खतरा सीरियाई शासन के पतन का भी है. अगर सीरियाई शासन का पतन होता है तो सीरिया यमन, लेबनान या गाजा की तरह एक फेल स्टेट में बदल सकता है. और अगर ऐसा होता है तो ईरान इजरायल के खिलाफ एक आतंकी सेना की निर्माण कर सकता है.
यह भी पढेंः अल जजीरा हुआ नेतन्याहू के गुस्से का शिकार, चैनल के अंदर घुसकर मारपीट, कैमरा तोड़ा