बशर अल असद के पतन से तुर्किए-इजरायल को पहुंचा फायदा, इस इस्लामिक देश को लगा तगड़ा झटका, जानें क्यों?
Syria civil war: सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के जाने से अमेरिका और यूरोप को बहुत फायदा पहुंचेगा, क्योंकि वह दोनों देशों के लिए चुनौती बने हुए थे.
Syria Civil War: इस्लामिक विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) ने सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार गिरा दी है. इस वजह से उन्हें देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा है. इसका सबसे बड़ा फायदा जिन देशों को पहुंचा है उनमें अमेरिका, तुर्किए और इजरायल शामिल है. वहीं रूस और ईरान को काफी बड़ा नुकसान पहुंचा है.
सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के जाने से अमेरिका और यूरोप को बहुत फायदा पहुंचेगा, क्योंकि ये दोनों देशों के लिए चुनौती बने हुए थे. इस पर अमेरिका को उम्मीद है कि असद का पतन ईरानी प्रभाव को कमजोर करेगा और आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में मददगार होगा. वहीं अमेरिका और यूरोप को क्षेत्र में रणनीतिक बढ़त मिलेगी. इसके अलावा यूरोप में सीरियाई शरणार्थियों की संख्या घटने की संभावना है, जिससे यूरोपीय देशों पर बोझ कम होगा.
तुर्किए की रणनीतिक सफलता
- तुर्किए ने सीरियाई विद्रोहियों का लगातार समर्थन किया है.
- तुर्किए को अब पूर्वोत्तर सीरिया में कुर्द अलगाववादियों पर नियंत्रण स्थापित करने में मदद मिलेगी.
- युद्ध के बाद सीरिया के पुनर्निर्माण कार्यों में तुर्की के व्यापारिक समुदाय को भी आर्थिक लाभ मिलेगा.
इजरायल को सामरिक लाभ
- असद सरकार के पतन से ईरान का प्रभाव कमजोर हुआ है, जो इजरायल के लिए सकारात्मक है.
- हिज्बुल्लाह तक हथियार और अन्य समर्थन पहुंचाने के लिए सीरियाई भूमि का उपयोग अब ईरान नहीं कर पाएगा.
- इजरायल के खिलाफ हिज्बुल्लाह की रणनीतिक ताकत और कमजोर होने की उम्मीद है.
ईरान और रूस को बड़ा झटका
- असद का पतन ईरान के लिए एक और झटका है, जिसने पहले ही अपने प्रॉक्सी समूहों जैसे हिज्बुल्लाह और हमास को कमजोर होते देखा है.
- इजरायल की आक्रामक नीति और अब असद सरकार के पतन से ईरान का क्षेत्रीय प्रभाव घटा है.
- रूस ने सीरिया में सैन्य उपस्थिति के जरिए मध्य-पूर्व में मजबूत स्थिति बनाई थी.
- असद के पतन के बाद, रूस की मध्य-पूर्व में पकड़ कमजोर हो गई है.
सीरिया घटना पर विशेषज्ञ की राय
मामले ब्लू बे एसेट मैनेजमेंट के टिमोथी ऐश ने कहा, "नया सीरिया कैसा होगा, यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है." असद का जाना जहां एक तरफ शक्ति संतुलन को पश्चिम की ओर मोड़ता दिख रहा है, वहीं क्षेत्र में नई चुनौतियां और जोखिम भी पैदा कर सकता है. सीरिया का तख्तापलट मध्य-पूर्व में भू-राजनीतिक बदलाव का बड़ा उदाहरण है, जिसका प्रभाव आने वाले वर्षों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा.