Bashar al Assad Political Asylum: सीरिया में बशर अल असद की सरकार 8 दिसंबर 2024 को गिर गई. विद्रोहियों ने पहले से ओलप्पो, हमा और होम्स शहरों पर कब्जा कर लिया था. इसके बाद रविवार को विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क पर भी कब्जा कर लिया. फिलहाल सीरिया में घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं. इस बीच खबर का है कि सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल असद को मॉस्को में राजनीतिक शरण दी गई है.
सीरिया में तेजी से बदलते हालातों के बीच रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया. इसमें बताया गया कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने अपना देश छोड़ दिया है. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने असद को शरण देने का फैसला किया है. पेसकोव ने असद के मौजूदा ठिकाने पर कोई टिप्पणी नहीं की. उन्होंने कहा कि पुतिन असद से मिलने की योजना नहीं बना रहे हैं.
बशर का सत्ता से हटना पुतिन के लिए क्यों है साख पर सवाल
बशर अल असद रूस की शह पर अपनी सत्ता चल रहे थे. ये रूस के लिए बड़े झटके के तौर पर भी देखा जा रहा है. 2015 में रूस ने सीरिया में हजारों सैनिक भेजे थे. इस मदद के बदले सीरिया ने रूस को हेमिम का हवाई अड्डा और तार्तुस का नौसैनिक अड्डा 49 साल की लीज पर दिया था. अब सत्ता के बदलाव के बाद इन नौसैनिक अड्डों के रखरखाव और परिचालन को लेकर रूस को चुनौतियां झेलनी पड़ सकती है.
सीरिया के विद्रोहियों के आगे झुका रूस?
बशर अल असद के सत्ता से हटने के बाद रूस ने किसी भी तरह का विरोध या आलोचना नहीं की है. हालांकि रूस ने प्रतीकात्मक तौर से विद्रोहियों के खिलाफ कहा है. रूस ने कहा कि सीरिया की सेना हथियारबंद विपक्ष के आगे टिक नहीं सकी. रूस की सरकारी टीवी चैनलों पर सीरिया को एक 'हार' के तौर पर न पेश करने के बाद इसे बेवजह तूल न दिए जाने वाला मसला बताया है.
रूसी टीवी चैनलों पर कहा जा रहा है कि रूस की प्राथमिकताएं कुछ और हैं, उसे यूक्रेन के खिलाफ अपने जंग पर ध्यान केंद्रित करना है. इसके अलावा बशर की सरकार पर पहले ही बहुत संसाधन 'कुर्बान' किए जा चुके हैं. विद्रोहियों के लिए रूस ने पैगाम दिया है कि वह उनसे संपर्क साधने की कवायद कर रहा है.
ये भी पढ़ें: