HTS Commander offers Amnesty to Soldiers: सीरिया में विद्रोही ग्रुप हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के प्रमुख कमांडर अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने मंगलवार (10 दिसंबर, 2024) को कहा कि सीरिया का नया शासन बशर अल-असद के उन अधिकारियों की सूची जारी करेगा जो "सीरियाई लोगों को यातनाएं देने के लिए जिम्मेदार हैं."
अल-जुलानी ने आगे कहा, ‘जो कोई भी युद्ध अपराधों में शामिल सेना और सुरक्षा के वरिष्ठ अधिकारियों के बारे में जानकारी देगा, उसे इनाम दिया जाएगा.’ उन्होंने यह भी कहा कि वे युद्ध के अपराधियों और हत्यारों को जिम्मेदार ठहराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
मिलिट्री ऑपरेशन्स कमांड की ओर से जारी किए गए बयाने में HTS कमांडर ने कहा, "हम युद्ध के अपराधियों का पीछा करेंगे और जिन भी देशों में वे भागकर गए हैं, उन देशों से उनकी गिरफ्तारी की मांग भी करेंगे."
जिनके हाथ खून से सने नहीं, उन्हें मिलेगी माफीः अल-जोलानी
हालांकि HTS कमांडर अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने कहा कि सीरिया की नई सरकार उन लोगों को माफी देने के लिए प्रतिबद्ध है जिनके हाथ "सीरिया के लोगों के खून से सने नहीं हैं" और उन सभी सेना के कर्मचारियों को जो असद शासन के तहत अनिवार्य सेवा में थे. वहीं, उन्होंने सख्त लेहजे में यह भी कहा, ‘यह माफी अधिकारियों पर लागू नहीं होगी.’
सैन्यकर्मियों की माफी के पीछे क्या है उद्देश्य?
सीरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी SANA के अनुसार, नए शासन की ओर से दी जाने वाली माफी का उद्देश्य सेना के उन कर्मचारियों को फिर से इकट्ठा करना है जो असद शासन के तख्तापलट के समय गिरफ्तार हुए थे या भाग गए थे.
उल्लेखनीय है कि सीरिया विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम पहले केवल इदलिब प्रांत तक सीमित था. जिसने 27 नवंबर के बाद तेजी से बड़े हमले करते हुए सीरिया के दूसरे सबसे शहर अलेप्पो पर कब्जा किया और फिर 8 दिसंबर को हमा, होम्स और दमिश्क पर भी कब्जा कर लिया.
मोहम्मद अल-बशीर बन सकते हैं कार्यवाहक प्रधानमंत्री
HTS कमांडर अल-जुलानी का यह बयान उस समय आया है जब उन्होंने सीरिया के निवर्तमान प्रधानमंत्री मोहम्मद अल-जलाली के साथ "ताकत का हस्तांतरण" पर चर्चा की. इस बैठक में उत्तर पश्चिमी सीरिया में "सलवेशन गवर्नमेंट" के प्रमुख मोहम्मद अल-बशीर भी उपस्थित थे. मोहम्मद अल-बशीर सीरिया के संभावित कार्यवाहक प्रधानमंत्री बन सकते हैं.
वहीं, इसी बीच तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगान ने कहा कि तुर्की सीरिया के शरणार्थियों को उनके देश लौटने की अनुमति देने के लिए यायलदागी सीमा के गेट को खोल रहा है.
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