नई दिल्ली: दुनिया के नक्शे पर सीरिया एक ऐसा देश है, जो अपनी खूबसूरती के किस्सों के लिए मशहूर रहा है, लेकिन न जाने इस देश को को किसकी नजर लग गई कि पूरा देश गृह युद्ध, धमाकों और चीख की भेंट चढ़ गया. पिछले कुछ सालों में सीरिया की हिंसाग्रस्त स्थिति ने दुनिया के तमाम अमन पसंद लोगों को झकझोर कर रख दिया.
कुदरत ने इस देश के बेश्तर इलाकों को नायाब खूबसूरती बख्शा है. यहां की वादियों में कभी खिलखिलाते लोगों की सरगोशियां गूंजा करती थीं. लेकिन जंग के काले बादल ने यहां के अमन-चैन को बर्बाद कर के रख दिया. कुछ लोगों की सनक ने इस देश से वो सबकुछ छीन लिया, जो यहां की पहचान हुआ करती थी. जिसका नतीजा यह हुआ कि लाखों की तादाद में यहां के लोग दूसरे पलायन को मजबूर हुए. बेगाने देश में बहुत ही मुश्किल भरी ज़िंदगी गुजार रहे हैं.
बम की दहला देने वाली आवाज ने सीरिया को मौजूदा वक्त से कई सालों पीछे धकेल दिया. लेकिन कुछ समय से यहां अमन की कली खिल रही है और उम्मीद यही है कि जल्द ही यह कली गुलशन का शक्ल लेगी. इसी बीच सीरिया के एक कलाकार निज़ार अली बदर ने अपने कलाकृतियों के जरिए सीरिया की दर्दनाक तस्वीरों को दुनिया के समाने पेश किया.
बदर ने पत्थरों को सजाकर एक ऐसी कहानी रची, जो इस देश, इस शहर के दर्द को बयां करती है. 52 साल के निज़ार ने पत्थरों के जरिए पलायन के दर्द को जो आवाज दी है, वह आपके जेहन को झकझोर कर रख देगी.
सड़क पर बिखरे पत्थर जब पांव से टकरा जाएं तो बेहद दर्द होता है. लेकिन नाजिर ने उन्हीं पत्थरों के जरिए इंसान का दर्द बयां किया है.
नाजिर ने यह तस्वीरें अपने फेसबुक अकाउंट पर शेयर की हैं, जिसने दुनिया के हजारों लोगों का ध्यान खिंचा है.