Taiwan Compulsory Military Service: ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने अनिवार्य सैन्य सेवा को चार महीने से बढ़ाकर एक साल करने की घोषणा की दी है. ताइवान से यह फैसला देश पर चीन से बढ़ते खतरे को देखते हुए लिया है. राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन घोषणा करते हुए कहा कि ताइवान को चीन से बढ़ते खतरे के लिए तैयार रहने की जरूरत है.
समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने मीडिया से बातचीत में कहा, "मौजूदा चार महीने की अनिवार्य सैन्य सेवा तेजी से और हमेशा बदलती स्थिति (चीन को लेकर) से निपटने के लिए पर्याप्त नहीं है. इलसिए हमने 2024 से एक साल की सैन्य सेवा बहाल करने का फैसला किया है."
तनातनी थमने का नाम नहीं ले रही
दरअसल, चीन और ताइवान के बीच जारी तनातनी थमने का नाम नहीं ले रही है. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया था कि चीनी सेना ने पिछले दिनों ताइवान की ओर 71 लड़ाकू विमानों और सात जहाजों को बल प्रदर्शन के लिए भेज दिया था. चीन ने ताइवान की ओर जो विमान भेजे उनमें 18 जे-16 लड़ाकू विमान, 11 जे-1 लड़ाकू विमान, छह एसयू-30 लड़ाकू विमान और ड्रोन शामिल थे.
चीन द्वारा शनिवार को पारित अमेरिकी वार्षिक रक्षा व्यय बिल में ताइवान से संबंधित प्रावधानों पर गुस्सा व्यक्त करने के बाद यह कदम उठाया गया है. स्व-शासित ताइवान पर चीन का सैन्य उत्पीड़न कोई नई बात नहीं है. चीन ताइवान पर अपना दावा करता है. वह बताता है कि यह उसका अपना क्षेत्र है.
ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है चीन
ताइवान की आधिकारिक केंद्रीय समाचार एजेंसी ने कहा कि यह अब तक की सबसे बड़ी चीनी वायु सेना की घुसपैठ थी. चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और रविवार को उसने माना कि उसने ताइवान के आसपास समुद्र और हवाई क्षेत्र में "स्ट्राइक ड्रिल" किया था.
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