China Taiwan Tension: ताइवान में 13 जनवरी को राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव होने हैं. ऐसे में अमेरिका-चीन समेत दुनिया भर की नजरें इस छोटे से द्वीप पर टिकी हुई हैं. कल यानी वहां 13 जनवरी को ताइवान में मतदान होंगे. इसमें करीब दो करोड़ 30 लाख मतदाता भाग लेंगे. चुनाव के बीच चीन की घुसपैठ जारी है, जिससे तनाव बढ़ा हुआ है.
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार (12 जनवरी) को कहा कि उनके अधिकारियों ने पिछले 24 घंटों में ताइवान जलडमरूमध्य के ऊपर उड़ते हुए पांच चीनी गुब्बारों का पता लगाया है, जिनमें से एक द्वीप को पार कर गया है. मंत्रालय का कहना है कि उसने पिछले महीने में ऐसे गुब्बारों को देखा है. इससे पहले मंत्रालय ने 13 जनवरी को होने वाले चुनाव से पहले धमकी देने आ आरोप लगाया है. इसके साथ ही ताइवान ने चीन पर गुब्बारों के साथ द्वीप के लोगों पर मनोवैज्ञानिक युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया है.
ताइवान पर अपना हक जताता है चीन
चीन हमेशा से ताइवान पर हक जताता रहता है. चीन का दावा है कि ताइवान उसका एक अभिन्न हिस्सा है और एक दिन उसका चीन में विलय तय है. लेकिन ताइवान खुद को स्वतंत्र देश मानता है. ऐसे में दोनों देशों के बीच अक्सर युद्ध जैसी स्थिति बनती रहती है. हालांकि इन दिनों तनाव कुछ ज्यादा ही बढ़ा हुआ है. दरअसल, चीन ताइवान में हो रहे राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भड़का हुआ है. ऐसे में ताइवान पहले ही कह चुका है कि चीन ताइवान चुनाव में हस्तक्षेप कर सकता है.
अमेरिका और चीन आमने-सामने
हाल के दिनों में ताइवान कई बार दावा कर चुका है कि चीन की सैकड़ों विमानों ने उनके इलाके में घुसपैठ की कोशिश की है. ताइवान का कहना है कि ऐसा कर चीन इलाके में तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. ताइवान को लेकर ही चीन और अमेरिका के रिश्तों में भी कड़वाहट आई है. अमेरिका दशकों से वन चाइना पॉलिसी का समर्थन करता है, लेकिन ताइवान के मुद्दे पर उसकी नीति नहीं है.