चीन विरोधी विचारों के लिए हैं मशहूर, जानें कौन हैं लाई चिंग-ते, जिन्होंने ताइवान में जीता राष्ट्रपति चुनाव
Taiwan Election News: ताइवान में सत्तारूढ़ पार्टी के नेता और मौजूदा उपराष्ट्रपति विलियम लाई चिंग-ते ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है.
Taiwan Election: ताइवान में सत्तारूढ़ पार्टी के नेता और मौजूदा उपराष्ट्रपति विलियम लाई चिंग-ते ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है. लाई चिंग और उनकी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DTP) को चीन का कट्टर विरोधी माना जाता है. ऐसे में विलियम लाई चिंग-ते का चुनाव जीतना चीन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में लाई चिंग-ते ने अपने दो प्रतिद्वंद्वियों केएमटी से होउ और 2019 में स्थापित ताइवान पीपुल्स पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व ताइपे मेयर को वेन-जे को हराया है. इससे पहले डीटीपी 63 सीटों के साथ संसद में बहुमत में थी और सरकार का नेतृत्व राष्ट्रपति साई इंग-वेन कर रही थीं.
चीन ने लाई चिंग-ते को किया है अलगाववादी घोषित
विलियम लाई की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी ताइवान की अलग पहचान का समर्थन करती है और चीन के क्षेत्रीय दावों को खारिज करती है. यही वजह है कि चीन ने चुनाव से पहले ही लाई चिंग को अलगाववादी घोषित कर दिया था. चीन ने कथित तौर पर ताइवान की जनता को धमकी देते हुए कहा था कि अगर वे सैन्य संघर्ष की स्थिति से बचना चाहते हैं तो उन्हें सही विकल्प चुनना होगा.
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी का होगा तीसरा कार्यकाल
इस जीत के साथ ताइवान की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी अपना तीसरा कार्यकाल शुरू करेगी. चुनाव में जीत के बाद लाई चिंग-ते ने रॉयटर्स से कहा कि हर वोट मूल्यवान है और यह जीत ताइवान के लोकतंत्र को समर्पित है. विलियम लाई चिंग-ते की जीत से चीन के साथ स्व-शासित द्वीप के बीच तनाव बढ़ने की उम्मीद है.
मालूम हो कि बीजिंग ने बार-बार ताइवान को लेकर अपना क्षेत्र होने का दावा किया है और द्वीप के खिलाफ अपनी सैन्य ताकत का इस्तेमाल किया है. राष्ट्रपति चुनाव से एक दिन पहले चीन के रक्षा मंत्रालय ने चेतावनी दी थी कि उसकी सेना ताइवान में स्वतंत्रता आंदोलन को कुचलने से नहीं हिचकिचाएगी. बता दें कि ताइवान में बीते 13 जनवरी को राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव हुए थे.