Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध को 1 साल होने जा रहे हैं. इस दौरान दोनों देशों के हजारों सैनिकों की मौत हो चुकी है. लाखों लोग बेघर भी हो गए है. इस बीच दोनों देशों के सहयोगियों ने बढ़-चढ़ कर मदद भी की है. यूक्रेन की बात करें तो उसे अमेरिका मदद कर रहा है और अब ताइवान भी उसकी मदद के लिए आगे आया है. 


हाल ही में ताइवान के डिजिटल मंत्री ऑड्रे टैंग ने यूक्रेन के विनियस की यात्रा की. ये उनके मंत्री बनने के बाद पहली विदेश यात्रा थी. वो पिछले साल 2022 में अगस्त में ताइवान के डिजिटल मंत्री बनी हैं. उन्होंने देश के एजुकेशन सिस्टम के डिजिटलीकरण को एक ऐसे क्षेत्र के रूप में शामिल किया जहां ताइवान यूक्रेन की मदद कर सकता है. इससे पहले भी ताइवान यूक्रेन की लड़ाई के दौरान कई बार मदद कर चुका है. 


डिजिटल तौर पर मदद पहुंचना चाहते हैं


ताइवान यूक्रेन को लड़ाई के दौरान जेनरेटर और कई तरह की मशीने दे चुका है. डिजिटल मंत्री टैंग ने कहा कि अब हम डिजिटल तौर पर मदद पहुंचाना चाहते हैं. हम बहुत अलग कल्चर के होने के बावजूद, जिस तरह से ताइवान में अलग-अलग संस्कृतियों के लोगों को एक ट्रांस कल्चरल लर्निंग कम्युनिटी बनने में सक्षम बनाते हैं, उसी तरह से यूक्रेन को भी बनाना चाहते हैं. ऑड्रे टैंग ने कहा कि यूक्रेन के साथ कोई भी ऑफिशियल बातचीत नहीं हुई है, लेकिन निजी तौर पर हम उनके साथ जुड़े हुए हैं.


रूस बताता है खतरा


रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पिछले साल 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला किया और कहा कि कीव के पश्चिम के साथ संबंधों से रूस की सुरक्षा को खतरा है. यूक्रेन और उसके सहयोगी इसके क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए बेवजह का युद्ध करते हैं. टैंग ने विलनियस में स्वतंत्रता-समर्थक सरकार को उखाड़ फेंकने के असफल प्रयास के दौरान जनवरी 1991 में सोवियत सेना के हाथों मारे गए नागरिकों की कब्रों पर माला भी चढ़ाया.


चीन का ताइवान पर दबाव


ताइवान ने नवंबर 2021 में विनियस में एक प्रतिनिधि कार्यालय खोला, जिससे चीन चिढ़ गया. चीन ताइवान को अपने क्षेत्र के हिस्से के रूप में देखता है. चीन ने विनियस के साथ राजनयिक संबंधों को कम कर दिया, जिससे लिथुआनियाई सरकार को बीजिंग से अपने राजनयिकों को वापस लेने के लिए विवश किया. रॉयटर्स ने बताया है कि चीन जर्मन कंपनियों पर लिथुआनिया में बने कंपोनेंट का उपयोग बंद करने का दबाव बना रहा था, जो यूरोपीय संघ और नाटो देशों का सदस्य है.


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