Taiwan Reveals Chinese Military Balloons: पूरी दुनिया में चीन के जासूसी गुब्बारे को लेकर बहस तेज हो गई है. अमेरिकी सेना के फाइटर जेट ने हूरोन झील (Lake Huron) के ऊपर 12 फरवरी को एक बार फिर एक फ्लाइंग ऑब्जेक्ट को मार गिराया है. इस बीच ताइवान (Taiwan) ने भी खुलासा किया कि चाइनीज मिलिट्री गुब्बारे (Chinese Military Balloon) उसके हवाई क्षेत्र में कई बार उड़ते दिखे हैं. तानवान का आरोप है कि इन बैलून्स के जरिए जासूसी की जा रही है.
ताइवान को आशंका है कि संभावित आक्रमण (Invasion) की तैयारी में डेटा इकट्ठा करने के लिए दर्जनों बैलून (Balloon) का इस्तेमाल किया जा रहा है.
ताइवान पर हमला करने की तैयारी में ड्रैगन?
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ताइवान ने हाल के वर्षों में अपने हवाई क्षेत्र में दर्जनों चीनी सैन्य गुब्बारों को उड़ते देखा है. ताइवान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दावा करते हुए कहा कि चाइनीज गुब्बारे कई बार उनके हवाई क्षेत्र में घुसपैठ करते हैं. कुछ हफ्ते पहले भी ये हुआ है. मामले की जानकारी रखने वाले एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इस तरह की घुसपैठ महीने में औसतन एक बार हो रही है. ताइवान की चिंता बढ़ गई है कि बीजिंग देश पर हमले की तैयारी कर सकता है.
ताइवान के हवाई क्षेत्र में कई बार दिखे गुब्बारे
इससे पहले ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल फरवरी में केवल एक घटना की पुष्टि की थी, जिसमें चार बैचों में कई चीनी गुब्बारे देश के उत्तरी क्षेत्र में घूम रहे थे. ताइवान के सरकारी अधिकारियों ने कहा कि ताइवान के हवाई क्षेत्र में देखे गए चीनी गुब्बारे आम तौर पर लगभग 20,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ते हैं, जो कि अमेरिका के मुकाबले बहुत कम है और ये एक अलग सामग्री से बने हैं. जापान और फिलीपींस सहित अन्य देशों ने अपने हवाई क्षेत्र में गुब्बारों की घुसपैठ देखी है, लेकिन उनकी सरकारों ने इस बारे में बहुत कम जानकारी दिए हैं.
चीन का सैन्य बैलून कार्यक्रम
ताइवान (Taiwan) के हवाई क्षेत्र में दिखे गुब्बारे चीन के व्यापक सैन्य बैलून कार्यक्रम की तरफ इशारा करते हैं. इस महीने की शुरुआत में अमेरिका की ओर से दक्षिण कैरोलिना के तट के ऊपर संदिग्ध चाइनीज जासूसी गुब्बारे को मार गिराए जाने की घटना ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है. कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ताइवान पर आक्रमण करने के लिए जरूरी क्षमताओं को मजबूत कर रही है. ताइवान को चीन अपना हिस्सा बताता है. ऐसे में सैन्य बल के साथ ताइवान पर कब्जा करने का एक लंबे वक्त से खतरा है.
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