Taiwan China Relations: ताइवान और चीन के बीच तनातनी लंबे समय से चली आ रही है. चीन ताइवान पर कब्जा जमाना चाहता है इस बात से पूरी दुनिया वाकिफ है. पिछले साल अगस्त में अमेरिकी स्पीकर नैन्सी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद अमेरिका-चीन और ताइवान के बीच टेंशन बढ़ गई थी. इस बीच रिपोर्ट्स के हवाले से खबर है कि ताइवान ने अपनी सबसे ताकतवर मिसाइल का एक पार्ट चीन के पास मरम्मत करने भेजा है.
ताइवान की मिसाइल सियुंग फेंग III (Hsiung Feng III) को ठीक करने के लिए भेजा है, जो एक मध्यम दूरी की एंटी शिप मिसाइल है. इसे ताइवान के नेशनल चिंग-शान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने विकसित किया है. सियुंग जमीन और समुद्र दोनों जगहों से हमला करने में सक्षम है. इस ताकतवर मिसाइल का चीन में जाना ताइवान की सुरक्षा में एक बड़ी चूक माना जा रहा है.
ठीक होने के लिए निर्माता को वापस भेजा था
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक खबर की मानें तो ताइवान की मिसाइल का एक थियोडोलाइट जो सटीक ऑप्टिकल उपकरण होता है उसे चीन में मरम्मत करने के लिए भेजा गया है. पिछले दिनों नेशनल चिंग-शान इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने कहा, थियोडोलाइट को साल 2021 में स्विस कंपनी लीका से खरीदा गया था और इसे हाल ही में ठीक होने के लिए निर्माता को वापस भेजा गया था.
सकते में आ गईं ताइवान की सुरक्षा एजेंसियां
ताइवान की एजेंसी ने कहा कि मिसाइल के उपकरण को वापस भेजने से पहले उसका मेमोरी स्टोरेज कार्ड हटा लिया गया था. इसे बेचने वाले एजेंट को इस हिस्से को स्विट्जरलैंड भेजने के लिए कहा गया था. मरम्मत किए गए थियोडोलाइट को चीन के शेडोंग के एक एयरपोर्ट से ताइवान भेजा गया था, इस बात की जानकारी मिलते ही ताइवान की सुरक्षा एजेंसियां सकते में आ गईं. जब इस बार की जांच की गई तो मालूम पड़ा कि इस पार्ट की मरम्म्त स्विट्जरलैंड में न होकर चीन में की गई है. थियोडोलाइट को बनाने वाली कंपनी ने सफाई देते हुए कहा कि एशिया में इस पार्ट के मेंटेनेंस की सेंटर चीन के शेंडोंग शहर में है.
कंपनी ने कहा, इसलिए ही इस पार्ट को मरम्म्त करने के लिए चीन भेजा गया था. इसके बाद जब ताइवान की एजेंसी नेशनल चिंग-शान इंस्टीट्यूट ने कहा कि महने फौरन उपकरण की सुरक्षा की जांच की और यह सुनिश्चित किया कि इसमें कोई मैलवेयर न किया गया हो. इस तरह से ताइवान ने अपनी सुरक्षा चिंताओं को दूर किया.