'मेरे दिल से खून बह रहा है...' यूनिवर्सिटी में एंट्री पर बैन वाले तालिबानी फरमान पर बोलीं अफगानी छात्रा
Taliban Decision On Women: 20 दिसंबर को तालिबान ने एक फरमान जारी करते हुए सभी प्राइवेट और पब्लिक यूनिवर्सिटीज से कहा कि लड़कियों की एंट्री पर अगले आदेश तक बैन लगाया जाए.
Taliban Decision On Women: अफगानिस्तान में तालिबानी शासन का सबसे ज्यादा असर महिलाओं पर हुआ है. तालिबान के कट्टर नियम और कानूनों के चलते महिलाओं के तमाम अधिकारों को लगातार छीना जा रहा है. इसी बीच तालिबान सरकार ने तमाम यूनिवर्सिटीज में महिलाओं की एंट्री पर पूरी तरह से बैन का फरमान सुना दिया. यानी अफगानिस्तान में महिलाएं यूनिवर्सिटी में पढ़ने नहीं जा सकती हैं. इस फरमान को सुनने के बाद अफगानिस्तान में रहने वालीं सैकड़ों छात्राओं को बड़ा झटका लगा और हर किसी ने अपने-अपने तरीके से दर्द बयां किया.
छात्रा ने बयां किया अपना दर्द
एक 23 साल की छात्रा मरियम ने अलजजीरा से बात करते हुए इस पूरी घटना को लेकर अपना दर्द बताया. मरियम ने बताया कि वो अपना यूनिवर्सिटी असाइनमेंट खत्म कर रही थी, तभी उसके मंगेतर का फोन आया, जिसमें उसने बताया कि तालिबान ने महिलाओं को यूनिवर्सिटी में बैन कर दिया है. उसने आगे बताया- मैं काफी दुखी हूं, क्योंकि तुम आगे अपने फाइनल एग्जाम में हिस्सा नहीं ले पाओगी. तुम्हारे लिए यूनवर्सिटी बंद हो चुकी है. मरियम ने बताया कि जबसे उसने ये बात सुनी है तबसे मेरा दिल खून के आंसू रो रहा है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल मंगलवार 20 दिसंबर को तालिबान ने एक फरमान जारी करते हुए सभी प्राइवेट और पब्लिक यूनिवर्सिटीज से कहा कि लड़कियों की एंट्री पर अगले आदेश तक बैन लगाया जाए. लड़कियों को क्लासरूम में बैठने की इजाजत नहीं है. तालिबानी शिक्षा मंत्री मोहम्मद नदीम की तरफ से जारी एक बयान में ये सब कहा गया. तालिबान की तरफ से इस फैसले को लेकर कोई भी कारण नहीं दिया गया.
तालिबान के इस फैसले के बाद उसकी सेना ने इसे लागू करने का काम भी शुरू कर दिया. यूनिवर्सिटी के गेट पर अफगानी सेना की गाड़ियां खड़ी नजर आईं, जो महिलाओं की एंट्री रोकने के लिए लगाई गई थीं. इस दौरान कई छात्राओं को वापस भेजने की भी खबरें सामने आईं. बता दें कि अफगानिस्तान में अक्टूबर महीने में ही यूनिवर्सिटी एंट्रेस टेस्ट हुआ था.