तालिबान ने महिलाओं की आवाज को बताया आवारा! इबादत के समय एक-दूसरे की बात सुनने पर लगाया बैन
Taliban News: तालिबान ने महिलाओं को लेकर एक नया आदेश जारी किया है. इसमें महिलाओं अब तेज आवाज में बात भी नहीं कर पाएंगी.

Taliban News: अफगानिस्तान में तालिबान का राज आने के बाद से ही महिलाओं के खिलाफ कड़े नियम लागू किए जा रहे हैं. इसी बीच तालिबान ने महिलाओं को लेकर एक और दमनकारी आदेश जारी किया है.
तालिबान ने अपने आदेश में कहा कि इबादत करते समय महिलाओं की आवाज सुनाई नहीं देनी चाहिए. तालिबान ने महिलाओं की आवाज को आवारा कहा है.
तालिबान के मंत्री मोहम्मद खालिद हनफी ने जारी किया आदेश
तालिबान के मंत्री मोहम्मद खालिद हनफी ने आदेश में कहा है कि औरतों की आवाज को आवारा माना जाता है, इसी वजह से उन्हें छिपकर रहने की जरूरत है. सार्वजनिक स्थानों पर उनकी आवाज किसी को सुनाई नहीं देनी चाहिए, यहां तक की महिलाओं को भी नहीं. कुरान पढ़ते समय भी उनकी आवाज सुनाई नहीं देनी चाहिए. पूर्वी लोगार प्रांत में एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री खालिद हनफी ने इसकी घोषणा की है.
द न्यू यॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, हनफी ने कहा कि महिलाओं को जोर से कुरान नहीं पढ़ना चाहिए, चाहे वो दूसरी महिलाओं के साथ क्यों ही ना हो. उन्होंने आगे कहा, " महिलाओं को तकबीर या अज़ान कहने की भी अनुमति नहीं है. महिलाओं के संगीत सुनने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.
अफगान कार्यकर्ताओं ने किया विरोध
विदेशों में रहने वाले अफगान कार्यकर्ताओं ने तालिबान के इस आदेश की निंदा की है. ऑस्ट्रेलियाई हजारा एडवोकेसी नेटवर्क की जोहल अज़रा ने news.com.au को बताया, "पिछले महीने तालिबान द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की आवाज लगा दिया गया है. इसके बाद महिलाओं के हालात और ज्यादा खराब हो गए हैं. इस आदेश ने साफ़ है कि तालिबान महिलाओं के अधिकारों को पूरी तरह से खत्म करना चाहता है.
उन्होंने आगे कहा, "अफगानिस्तान में सत्ता में लौटने के बाद से तालिबान ने 105 से अधिक आदेशों, फतवों और आदेशों को लागू करके महिलाओं और लड़कियों को सार्वजनिक जीवन को समाप्त कर दिया है. उन्होंने इन आदेशों को हिंसक और मनमाने ढंग से लागू किया है.
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