Afghanistan: तालिबान ने मनाया विदेशी सैनिकों की वापसी की वर्षगांठ का जश्न, रौशनी में नहाया काबुल, जमकर हुई आतिशबाजी
Taliban Celebrate: 31 अगस्त को ही विदेशी सैनिक अफगानिस्तान को छोड़कर चले गए थे. इस उपलक्ष्य में तालिबान ने बुधवार को इसकी वर्षगांठ मनाई. काबुल रौशनी से जगमगाता दिखा तो वहीं खूब आतिशबाजी हुई.
Afghanitan: तालिबान के सत्ता हासिल करने के बाद 31 अगस्त का ही वो दिन था, जब विदेशी सैनिक अफगानिस्तान (Afghanitan) छोड़कर चले गए थे. इसे लेकर तालिबान (Taliban) में बुधवार को जमकर जश्न मनाया गया. बुधवार को अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों (Forign Troops) की वापसी के एक साल होने की खुशी में पहली सालगिरह मनाई गई. इस दिन राजधानी काबुल (Kabul)रौशनी में नहाया हुआ दिखा तो वहीं जमकर आतिशबाजी (Firework) की गई. द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार बगराम हवाई अड्डा, जो कभी देश में सबसे बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा था, जहां तालिबान के नेतृत्व वाले सैनिक जश्न मनाने के लिए इकट्ठे हुए थे.
यूएस डेली के अनुसार, इस्लामिक संगठन के मीडिया आउटलेट द्वारा जारी की गई तस्वीरों में तालिबानी सेनानी वर्दी में मार्च करते हुए दिखाई दे रहे हैं, इसके बाद समूह के काले और सफेद झंडे वाले बख्तरबंद वाहनों के स्तंभ भी दिखाई दे रहे हैं.
मना आजादी का जश्न, राष्ट्रीय अवकाश घोषित
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने बुधवार को आयोजित समारोह में शामिल होने वाले स्थानीय मीडिया से कहा, "हम यहां विदेशी सैनिकों की वापसी की पहली बरसी मनाने के लिए एकत्र हुए हैं." उन्होंने कहा, "मुझे गर्व है कि इस दिन हमारा देश आजाद हुआ था और अमेरिकी सैनिकों को अफगानिस्तान छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था."
स्पुतनिक के पास मौजूद एक दस्तावेज के मुताबिक एक दिन पहले तालिबान ने 31 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था. दस्तावेज़ में कहा गया है कि सालगिरह को चिह्नित करने के लिए उत्सव के कार्यक्रमों की योजना बनाई गई थी.
15 अगस्त को तालिबान ने सत्ता हासिल की थी
इससे पहले तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता में अपनी वापसी की पहली वर्षगांठ मनाने के लिए 15 अगस्त को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया था. अगस्त 2021 में अमेरिका समर्थित नागरिक सरकार के पतन और सामूहिक निकासी के बाद तालिबान अफगानिस्तान में सत्ता में आया. फिर 31 अगस्त, 2021 को दो दशक की सैन्य उपस्थिति के बाद अमेरिकी सेना देश से हट गई.
तालिबान के सत्ता में आते ही अल कायदा सक्रिय
तालिबान के अधिग्रहण के बाद से अफगान आबादी एक गहन आर्थिक, मानवीय और सुरक्षा संकट का सामना कर रही है. दो दशकों के युद्ध के बाद, हजारों लोगों की जान चली गई और खरबों डॉलर खर्च हो गए. तालिबान काबुल में सत्ता में वापस आ गया है और जाहिर तौर पर अल-कायदा को एक बार फिर से पनाह दे रहा है. वापसी में काबुल हवाई अड्डे पर पूरी तरह से अराजकता की तस्वीरें दिखाई दी थीं, जो कुछ विशेषज्ञों ने साइगॉन के पतन की तुलना में, अफगान सहयोगियों और अमेरिकियों को फंसे, और एक आतंकवादी हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों और 170 अफगान नागरिकों को छोड़ दिया.
बाइडेन पर लगे थे आरोप
आलोचकों ने वर्तमान बाइडेन प्रशासन को काबुल के पतन के आसन्न चेतावनी के बावजूद समय पर कार्रवाई करने में विफल रहने के लिए दोषी ठहराया था. हालांकि सर्वेक्षणों से पता चलता है कि अधिकांश अमेरिकी नागरिकों ने अफगानिस्तान से बाहर निकलने के फैसले का समर्थन किया, लेकिन अराजक वापसी की प्रक्रिया ने बाइडेन के चुनावी आंकड़ों को झटका दिया.
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